सूरजपुर (दतिमा मोड़/आयुष जायसवाल): पूरे देश मे आज से भारतीय न्याय सहिता कानून आज से लागू हो गया है. जानकारी के अनुसार आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट के बदले आज 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही संचालित होगी. चौकी प्रभारी करंजी अरुण गुप्ता ने चौकी प्रांगण में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारतीय न्याय सहिता में बदलाव हुआ है। जैसे हत्या के मामले में धारा 302 के बदले अब धारा 103 (1) के तहत रिपोर्ट दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि नए कानून लागू होने से भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी अब भारतीय न्याय संहिता कहलाएगी. दंड प्रकिया संहिता यानी सीआरपीसी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम के रूप में तब्दील होगी. आज से पुलिस द्वारा आपराधिक मामलों को आईपीसी के बदले भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज करेगी. केस की प्रकिया सीआरपीसी के बदले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत चलेगी.
चौकी प्रभारी द्वारा बताया गया कि एक जुलाई से लागू हो रहे तीनों कानून 2023 में बने हैं. आईपीसी में कुल 511 धाराएं की तुलना में भारतीय न्याय संहिता में अब केवल 358 धाराएं ही रह गई हैं. इस दौरान मुख्य रूप से सत्यनारायण जायसवाल, रामानन्द जायसवाल, विजय जायसवाल, आयुष जायसवाल, गोलू जायसवाल, महेश राजवाड़े, देवीचरण सिंह, रामलाल काशीपुरी, विकल सिंह, संजय जायसवाल, अमरिका प्रजापति, खुलेलाल एवं करंजी चौकी प्रभारी अरुण गुप्ता के अलावा एएसआई मनोज द्विवेदी, प्रधान आरक्षक रामनिवास तिवारी, जय प्रकाश कुजूर, राजकुमार सिंह, आरक्षक ज्ञानेंद्र परमार, मितेश मिश्रा, जितेंद्र प्रताप सिंह, दीपक किस्पोट्टा, नारायण पाटले, प्रवीण मिश्रा, प्रदीप गुप्ता, इजराइल खान, चंदू राजवाड़े, जेम्स कुजूर, अनिता राजवाड़े, पूनम सिंह सहित ग्रामीण जन उपस्थित थे.