किसानों के साथ धोखाधड़ी: सहकारी समिति के चपरासी ने पार किए 8 लाख, ATM से निकाले धान ब्रिकी की राशि.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पुलिस ने एक सहकारी समिति के चपरासी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया किया है। आरोपी पर किसानों के खाते से 8 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपी ने किसानों को डेबिट कार्ड देने की जगह खुद ही उसे एक्टिवेट कर ATM से रुपए निकाल लिया। किसानों ने बिना OTP के खाते से रुपए निकलने पर बैंक कर्मचारियों पर संदेह जताया और इसकी शिकायत चौकी पुलिस में की। पुलिस ने आरोपी चपरासी के घर से ATM कार्ड, निकाली गई रकम और बाइक बरामद की है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम तरकेला निवासी हीरालाल चौधरी ने ATM से 5,45,510 रुपए और ग्राम ननसिया निवासी अश्वनी कुमार पटेल ने 2.5 लाख रुपए निकाले जाने की शिकायत पुलिस से की। उन्होंने बताया कि उनका खाता छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक में है। उनको बैंक की ओर से पासबुक मिली है, लेकिन डेबिट कार्ड नहीं मिला है। खाते में हर साल धान विक्रय की राशि जमा होती है।

फरियादी किसानों ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर किसी तरह का कोई मैसेज नहीं आया और न ही कोई OTP ही आया। इसके बाद भी उनके खाते से रुपए निकल गए। इस पर दोनों किसानों ने बैंक व सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर मिलीभगत का संदेह जताते हुए उनके खाते से राशि का गबन करने का आरोप लगाया। दोनों किसानों के खाते से ATM के जरिए कुल 7,95,510 रुपए निकाले गए थे

इस मामले में पुलिस ने बैक प्रबंधक और कर्मचारियों से पूछताछ की साथ ही ATM में लगे CCTV फुटेज की जांच की। जिसमे सेवा सहकारी में चपरासी धनीराम पटेल की भूमिका संदिग्ध लगने पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। तो उसने बताया कि 2009 से वह समिति में संविदा पद पर है। खाताधारकों को डेबिट कार्ड देने, रजिस्टर में नाम दर्ज कर कार्ड एक्टिवेट करना वह जानता है। ऐसे में उसने दोनों किसानों के कार्ड रख लिए और रुपए निकालना शुरू कर दिया।

आरोपी धनीराम ने पुलिस को बताया कि रुपए निकालने के दौरान उसे आभास हुआ कि किसानों के मोबाइल पर ट्रांजैक्शन का मैसेज नहीं आता है। इसे देखते हुए उसने दो साल के दौरान कई बार में रुपए निकाले और अपने घर में छिपा दिए। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर ATM से निकाले गए रकम, वारदात में उपयोग की बाइक और अन्य सामान बरामद किया है।