
अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्ति दिलाने गांव में बन रहे सामुदायिक शौचालय का पूर्व सरपंच-सचिव ने मिलकर बेड़ागर्क कर दिया। पूर्व सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण कार्य की आड़ में किये गए राशि की अफरा-तफरी के बाद सालों से इसका निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है।जिसकी वजह से आधे अधूरे शौचालय की हालत अब जर्जर होने लगी है। पूर्व सरपंच एवं सचिव की लापरवाही से ग्रामीणों को सामुदायिक शौचालय का लाभ नही मिल पा रहा है। वही आधे-अधूरे शौचालय निर्माण की वजह से सरकार की खुले में शौचमुक्त गांव अभियान पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत भुषु के पंडरीपानी में साढ़े तीन लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण कार्य की शुरुआत सन 2024 में ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच रामभगत लकड़ा एवं सचिव सुरेंद्र टोप्पो द्वारा कराया जा रहा था। जिसका मुख्य उद्देश्य गांव के लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाना था। जिस उद्देश्य की खातिर ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च कर इसका निर्माण कराया जा रहा था। वह पूरा होने से पहले ही सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य अनियमितता की भेंट चढ़ गया।
तत्कालीन सरपंच-सचिव द्वारा निर्माण कार्य की आड़ में कई गई राशि की अफरा-तफरी की वजह से शौचालय निर्माण अधूरा रह गया। जबकि इसके निर्माण के लिए संबंधित विभाग द्वारा समय सीमा निर्धारित की गई थी। इसके बाद भी तत्कालीन सरपंच रामभगत लकड़ा एवं सचिव सुरेंद्र टोप्पो ने इसे पूरा कराने के बजाए इसे इसके हाल पर छोड़ दिया। जिसकी वजह से सामुदायिक शौचालय की हालत अब जर्जर होने लगी है।
संबंधित अधिकारियों ने भी इसे पूरा कराने को लेकर अपनी जिम्मेदारी नही निभाई। जिसकी वजह से अधूरा शौचालय स्वच्छ भारत अभियान को मुँह चिढ़ाता नजर आ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि इसके बन जाने से गांव के लोगों को इसका लाभ मिलता। लोग खुले में शौच करने की बजाए इसका उपयोग करते। लेकिन तत्कालीन सरपंच-सचिव ने मिलकर इस अभियान का बेड़ागर्क कर दिया। जिसकी वजह से आज इसकी हालत काफी जर्जर हो गई है। सामुदायिक शौचालय के अभाव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर है। उन्होंने इस आधे अधूरे निर्माण के लिए तत्कालीन सरपंच एवं सचिव को दोषी ठहराते हुए उनके विरुद्ध जांच समेत कार्यवाही की मांग की है।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खुशबू शास्त्री ने बताया कि जहाँ भी ऐसे मामले है। उस ग्राम पंचायत के सचिवों को तत्काल ऐसे अधूरे कामों को पूरा करने के निर्देश दिए गए है। ताकि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल सके।