22 की उम्र में 8वीं फेल बना CEO….. CBI भी लेती है मदद…

नई दिल्ली

वैसे तो शौक और जज्बे की कहानियां आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन लुधियाना की एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे त्रिशनित अरोड़ा की कहानी सुनकर आप हैरान हो सकते हैं। आज के वक्त में उनकी उम्र महज 22 साल है और वह एक कंपनी के सीईओ पद पर आसीन हैं। जिनसे मिलने और मदद लेने के लिए सीबीआई तक उनके पास आती है। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा आपको हैरानी ये जानकर होगी कि 22 साल के त्रिशनित अरोड़ा आठवीं क्लास में फेल हो चुके हैं। जिसके बाद उन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई कॉरस्पांडेंस से बहुत मुश्किलों से पूरी की।

लेकिन कहते हैं ना कि शौक बड़ी चीज है और अगर किसी चीज को करने के लिए दिल से ठान लिया जाए तो ऐसा कोई काम नहीं बचता जिसको इंसान पूरा ना कर पाए। ऐसा ही एक शौक कंप्यूटर और एथिकल हैकिंग का त्रिशनित को भी था। हालांकि उनकी पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उनका मन बिल्कुल भी पढ़ाई में नहीं लगता था। वह सिर्फ पूरा-पूरा दिन कम्प्यूटर पर निकाल देते थे। उन्हें इस चीज का इतना शौक चढ़ा कि उस बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई को समय ही नहीं दिया। जिसके लिए उन्हें पूरे परिवार के गुस्से को भी सहना पड़ा।

यहां तक कि उनके इस शौक के खिलाफ पूरा परिवार खड़ा हो गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने इस सपने को नहीं छोड़ा। उनके परिवार और दोस्त उनका मजाक बनाने लगे थे, लेकिन त्रिशनित को अपने शौक के आगे कुछ नहीं दिखता था। उनकी मां एक हाउस वाइफ और पिता एकाउंटेंट हैं। उनको त्रिशनित का ये शौक बिल्कुल पसंद नहीं था, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और कंप्यूटर व एथिकल हैकिंग की जानकारी इकट्ठा करने में जुटे रहे क्योंकि उन्होंने इसे ही अपना करियर बनाने का मन बना लिया था।

धीरे-धीरे फिर उन्होंने अपने काम के जरिए ये साबित कर दिया कि कैसे अलग-अलग कंपनियों का डाटा चोरी किया जा रहा है और इस वक्त हैकिंग में किन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसको बाद में कंपनियां भी उनके काम को देखते हुए सरहाने लगी। उन्होंने आज से एक साल पहले 21 साल की उम्र में टीएसी सिक्योरिटी नामक साइबर सिक्योरिटी कंपनी को स्थापित किया। जो आज के वक्त में ‘दि हैकिंग एरा’, ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स’ और ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’ के लेखक त्रिशनित अब सीबीआई, रिलायंस, पंजाब पुलिस, एवन साइकिल, गुजरात पुलिस और अमूल जैसी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं।

आपको बता दें कि साल 2013 में गुजरात में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने त्रिशनित को सम्मानित किया था। वहीं, साल 2014 में गणतंत्र दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें ‘स्टेट अवॉर्ड’ देकर सम्मानित किया। पिछले साल 2015 में उन्हें अभिनेता आयुष्मान खुराना सहित 7 बड़ी हस्तियों के साथ पंजाबी आइकन अवॉर्ड दिया गया।

उनका मानना है कि स्कूली पढ़ाई को हमेशा उतना ही महत्व देना चाहिए जितना कि जरूरी है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अपनी असफलताओं से इंसान को कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह आपको कमजोर बनाती हैं। इसे अपनी ताकत बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। पढ़ाई करना जिंदगी के लिए जरूरी है, लेकिन पढ़ाई जिंदगी नहीं होती है। आपके पैशन के आगे पढ़ाई ज्यादा महत्व नहीं रखती है। हालांकि वह अपनी ग्रेजुएशन मैनेजमेंट में करना चाहते हैं। जिसे वो भविष्य में जल्द पूरा करेंगे। फिलहाल तो वह अपने काम में काफी बिजी हैं। हमें उम्मीद है कि कई लोग त्रिशनित से प्रेरणा लेकर अपने पैशन को ज्यादा महत्व देते हुए कुछ बनकर दिखाएंगे।

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