जांजगीर-चांपा। जांजगीर नैला नगर पालिका के अध्यक्ष की कुर्सी अब डगमगाने लगी है.बीजेपी पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने कलेक्टर को आवेदन दिया था। जिसको लेकर कलेक्टर ने 22 जनवरी को वोटिंग की प्रकिया का समय दिया है। फिलहाल कांग्रेस के पास 11 सहित 3 निर्दलीय पार्षदों को मिला दे तो इनकी संख्या 14 हो जाती है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस को छोड़कर निर्दलीय पार्षदों से ज्यादा खतरा है, और इसकी वजह आपसी मतभेद बताए जा रहे है। अगर इस बात में सच्चाई होगी तो निश्चित ही क्रास वोटिंग हो सकता है।
जिसका फायदा बीजेपी उठा सकता है। आने वाले समय को देखते हुए बीजेपी आपनी चाल चल दी है। सूत्र बता रहे है कि उच्च स्तर में निर्दलीय पार्षदों को भाजपा अपनी ओर खींचने में रणनीति तैयार कर ली है। अंदर खाने से खबर है कि पार्षद भी मन बना लिए हैं, लेकिन इसका पूरा खुलासा 22 जनवरी को ही हो पाएगा।
फिलहाल नगर पालिका जांजगीर नैला के अध्यक्ष अपने पार्टी के अलावा निर्दलीय पार्षदों का भी पुछ परख करना शुरू कर दिया है। हर मौके पर उनके जरूरत के अनुसार ख्याल रखा जा रहा है। आखिर यह सब अध्यक्ष को कुर्सी गवाने का डर बताया जा रहा है। पार्षदों का कहना है कि इसके पहले कभी भी अध्यक्ष के द्वारा ऐसा व्यवहार नहीं देखा गया था जो हफ्ते भर से दिख रहा है। दिन में कई बार फोन से संपर्क के अलावा पार्टी का दौर जारी है। मौके की नजाकत को देखते हुए पार्षद भी मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। साल भर बचे समय को लेकर पार्षद गढ़ भी सोच रहे है कि यह समय दोबारा मिलने वाला नहीं है। मौके में चौका लगाने की जुगाड़ में लग गए हैं।
उपाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास
नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जब भाजपा पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया तो अध्यक्ष के नेतृत्व में भी पलटवार करते सभी कांग्रेसी पार्षद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन दे दिया। जिसका वोटिंग 23 जनवरी को होना है, अब नगर पालिका में दोनों पक्षों में मामला घमासान हो गया। आगे देखना होगा कि अध्यक्ष की कुर्सी बचेगी है या उपाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचा पाते हैं। दोनों के बीच मुकाबला टक्कर का लग रहा है। भाजपा पार्षदों को सत्ता का गुरुर है तो कांग्रेसी अध्यक्ष को अपने पार्षदों पर विश्वास है।