फटाफट की बडी पडताल ………वो कौन सी 12 वजह है जिसकी वजह से शहीद हुए 25 जवान

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(फटाफट विशेष)
  1. सुकमा के चिंतागुफा के जिस जंगल में नक्सलियों में जवानों के ऊपर हमला किया है। उस इलाके को नक्सलियों की राजधानी के नाम से जाना जाता है। यहाँ घने जंगल हैं और नक्सली अपने आप को सबसे ज्यादा सुरक्षित समझते हैं। दरअसल उसी इलाके में दोरनापाल से जगरगुंडा के बीच 56 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम चल रहा है।
  2. नक्सली यह नहीं चाहते की इस इलाके में किसी प्रकार की कोई सडक ना निर्माण हो । क्योकि सड़क बनने से सुरक्षा बलो के साथ लोगो की भी इस इलाके में आसानी से चहलकदमी शुरु हो जायेगी। और  नक्सलियों का प्रभाव के साथ उनका गढ समाप्त हो जाएगा।
  3. इस 56 किलोमीटर सड़क पर अब तक क्या क्या हुआ यह जानकर भी आप चौंक जाऐंगे…. दरअसल ये सड़क छत्तीसगढ़ सरकार के लिए चुनौती बन गई है। इस 56 किलो मीटर की सड़क का निर्माण पूरा करने के लिए 56 किलोमीटर में 5 थाने, सीआरपीएफ की 15 कंपनी 11 स्थानो पर तैनात की गई है। जिनकी सुरक्षा में सड़क निर्माण का काम हो रहा है।
  4. इस सड़क के निर्माण के दौरान नक्सलियों द्वारा लगातार सुरक्षाबलों को टारगेट किया जा रहा है। साल 2014 से 2017 मार्च के बीच पुलिस और नक्सली के बीच 11 बार मुठभेड़ हुई है। 18 आईईडी ब्लास्ट हुए हैं। 7 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए हैं। वहीँ 25 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। जबकि 3 आम नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। सुरक्षाबलों द्वारा 16 आईईडी बरामद कर उन्हें निष्क्रिय किया जा चुका है।
  5. इस सड़क की सुरक्षा में लगे जवानों पर अब तक यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इसमें 25 जवान शहीद हुए हैं।
  6. दरअसल बुर्कापाल गाँव के सरपंच की हत्या नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से मारकर कुछ दिन पहले कर दी थी। इस वजह से नक्सलियों की सूचना जवानों को नहीं मिल पा रही थी । इसी का फायदा उठाते हुए नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो नक्सलियों ने जवानों की हत्या करने के बाद उनके शव के साथ बर्बरता भी की गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि जवानों के गुप्तांग तक कुल्हाड़ी से नक्सलियों ने काटा है।
  7. सुकमा में दोरनापाल से जगरगुंडा के बीच 56 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम चल रहा है। इसी सड़क की सुरक्षा के लिए कल सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के 36 जवान निकले  थे। दरअसल जवान सड़क का काम करने वाले कांट्रेक्टर और उनके मजदूरों को सुरक्षा देने का काम करते थे।
  8. जिस जगह कल मुठभेड़ हुई है उसे इलाके को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की राजधानी कहा जाता है। सीआरपीएफ के डीआईजी दिनेश उपाध्याय के मुताबिक नक्सलियो ने हमले मे  हथगोला और ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया है, जिसके निशान पेड़ो में हैं।
  9. बुर्कापाल गाँव के सरपंच की हत्या नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से मारकर कुछ दिन पहले कर दी थी। इस वजह से नक्सलियों की सूचना जवानों को नहीं मिल पा रही थी। इसी का फायदा उठाते हुए नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो नक्सलियों ने जवानों की हत्या करने के बाद उनके शव के साथ बर्बरता भी की गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि जवानों के गुप्तांग तक कुल्हाड़ी से नक्सलियों ने काटा है।
  10. जवान सड़क को दोनों तरफ से सुरक्षा देते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान 36 जवानों का दल नक्सलियों के लगाए एम्बुस में फस गया। नक्सलियों ने यू शेप का एम्बुस लगाया था। ऐसे में जवानों से एम्बुस से निकलते भी नहीं बना। यही वजह है कि जवान बुरी तरह फंस गए। बैकअप के लिए आये दो जवान भी एम्बुस में फंस गए और वो भी शहीद हो गए।
  11. करीब 150 से 200 की संख्या में नक्सलियों ने जवानों पर हमला किया है। ख़ास बात यह है कि हमला करने वालों में 30-40 प्रतिशत महिला नक्सली भी शामिल थीं। नक्सलियों ने हमले में ख़ास तरह का तीर बंब इस्तेमाल किया है।  जानकारी के मुताबिक अब तक हुई मुठभेड मे नक्सलियों ने तीर बम नाम के नए हथियार का प्रयोग करना भी शुरू कर दिया है।
  12. नक्सली हमेशा गाँव की आड़ लेकर हमला करते हैं। इस बार भी बुर्कापाल गाँव के लोगों को नक्सलियों ने आड़ बनाया और गांववालों को बन्दूक की नोक पर धमकाया की वो उनका साथ दें और हमले के समय भी नक्सलियो ने ग्रामीणो को आगे किया।

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