गरियाबंद. जिले में गल्ला व्यापारियों ने किसानों का धान खरीदने से मना कर दिया है. जिससे परेशान किसानों ने सड़क पर धान फेंककर अपनी नाराज़गी जताई. मामला जिले के अंतिम छोर ओडिशा सीमा से लगे झाखरपारा गांव का है.
झाँखरपारा समेत आसपास के लोग जब अपने धान लेकर साप्ताहिक बाजार पहुंचे. तो वहां मौजूद गल्ला व्यपारियों ने उनका धान खरीदने से इंकार कर दिया. यही नहीं व्यापारियों ने अपनी दुकानों के सामने धान नही खरीदने के बोर्ड लगा दिया है. व्यापारियों के इस निर्णय से किसान परेशान है. धान नही बिकने से उन्हें पैसा नही मिल पा रहा है. जिससे वे बाजार से अपनी रोजमर्रा का सामान नहीं खरीद पा रहे है. किसानों का धान नही बिकने का असर साप्ताहिक बाजार पर भी साफ देखने को मिला.
झाखरपारा के साप्ताहिक बाजार की रौनक बहुत फीकी रही. कुछ दुकानदार तो बोहनी तक नहीं कर पाए. वैसे ये हालात अकेले झाखरपारा गांव का नही है. बल्कि ओडिशा सीमा से लगे क़रीब 50 गांव में दुकानदारों ने किसानों का धान खरीदना बंद कर दिया है और वहां भी किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
गल्ला व्यापारियों ने धान नहीं खरीदने के पीछे अपना दर्द सुनाते हुए.. कहा की जिला प्रशासन द्वारा पिछले कुछ दिनों से उनकी दुकानों की रोज चेकिंग की जा रही है.. धान खरीदी के सबूत मांगे जा रहे है. जिसके चलते उन्हें परेशानियां हो रही है. जिला प्रशासन के पल्ले में पडने से बचने के लिए ही उन्होंने धान नही खरीदने का फैसला लिया है. हालांकि जिला प्रशासन ने किसी भी गल्ला व्यापारी को अनावश्यक तौर पर तंग नही करने का दावा किया है..फिलहाल देवभोग ईलाके में जो स्थिति निर्मित हुई है..उसमें सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को झेलनी पड रही है.