‘पेट्रोल-डीज़ल के बाद खाद की क़ीमत में बढ़ोत्तरी से किसान की टूटी कमर’

सूरजपुर। पेट्रोल व डीजल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी कर अब रासायनिक खाद की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग 58 फीसदी तक वृद्धि कर दिए जाने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ जाएगी। सूरजपुर किसान कांग्रेस के जिला महामंत्री वेद प्रकाश मिश्र ने कहा कि खरीफ फसल सीजन के ठीक पहले खाद के दामों में वृद्धि होने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।

श्री मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी, लेकिन आमदनी तो दोगुनी नहीं कर पा रहे हैं, महंगाई जरूर दोगुनी कर रहे हैं। डीएपी खेती-किसानी में सबसे महत्वपूर्ण और ज्यादा खपत होने वाली खाद है और इस खाद के दाम बढ़ने से खेती के लागत मूल्य में कई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी। लगातार महंगे हो रहे डीजल के कारण खेती में जो अतिरिक्त लागत आती है, उसके अनुसार अभी तक समर्थन मूल्य भी तय नहीं कर पाए हैं। अब खाद के मूल्य में भी बढ़ोतरी से किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। इससे फसल उत्पादन की लागत भी कई गुना बढ़ जाएगी।

उन्होंने कहा कि खाद की कीमत बढ़ने से किसानों के सामने खेती को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यह मूल्य वृद्धि किसानों के साथ नाइंसाफी है। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन के बीच इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा अन्नदाताओं का शोषण करते हुए खाद की कीमत में वृद्धि किया जाना उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।