रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के तहत धान खरीदी हेतु आज मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक मंत्रालय (महानदी भवन) नवा रायपुर में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में गठित मंत्रि-मंडलीय उपसमिति में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, सहित केबिनेट मंत्री, मोहम्मद अकबार, प्रेमसाय सिंह टेकाम और उमेश पटेल शामिल हैं। इस बैठक में धान व मक्का खरीदी के संबंध में नीतियाँ निर्धारित की गईं।
जिसके अनुसार, आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का खरीदी करने के लिए किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 17 अगस्त, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक निर्धारित की गई है। विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसान को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए पंजीकृत माने जाने का निर्णय लिया गया है एवं इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे की जानकारी को राजस्व विभाग के माध्यम से अद्यतन कराया जावेगा। नये किसानों का पंजीयन तहसीलदार के माध्यम से किया जावेगा। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित 85 लाख टन धान उपार्जन हेतु आवश्यक नये जूट बारदाने की व्यवस्था जूट कमिश्नर के माध्यम से की जा रही है।
साथ ही आवश्यकतानुसार पुराने बारदाने की व्यवस्था गत वर्ष अनुसार पीडीएस के बारदाने, मिलर्स के पास बचत बारदाने एवं किसान के पास उपलब्ध जूट बारदाने से की जावेगी। पुराने बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उसकी दर 12 रूपये प्रति नग से बढ़ाकर 15 रूपये प्रति नग निर्धारित की गई है। “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” का लाभ खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के दौरान पंजीकृत कराये गये धान के रकबे के आधार पर देय होगी। पंजीकृत किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेचने पर भी पंजीकृत रकबे पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा।