जिले मे महिला सशक्तीकरण और गाँव के मुआवजे के लिए भटकती महिला सरपंच..

अम्बिकापुर                                                                                           चालीस वर्षो से भटक रहे है ग्रामीण मुआवजे के लिए

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देश दीपक”सचिन”                                                                               महिला सरपंच ग्रामीणों को लेकर काट रही दफ्तरों के चक्कर

महिला सशक्तिकरण के दावे और जिले में महिलाओं का बुरा हाल

 

अम्बिकापुर के लखनपुर क्षेत्र स्थित कुसू गाव के किसान पिछले चालीस वर्षो से नहर निर्माण के मुआवजे के लिए भटक रहे है ,, मुआवजे की राशि के लिए गांव के सौ से भी अधिक परिवार कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके है,, लेकिन जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के मनमाने रवैये से आज तक इन्हें मुआवजा नही मिल सका है, बहरहाल इन किसानो ने एक बार फिर सरगुजा कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाईं है,,

सरगुजा जिले का एक छोटा सा गांव कुसू है,,,  जहा आज से चालीस वर्ष पूर्व नहर का निर्माण जलसंसाधन विभाग ने कराया था, जाहिर है की इस नहर के निर्माण से वहां बसे ग्रामीणों की जमीन अधीग्रहित की गई होगी, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण चालीस वर्षो बाद भी इन ग्रामीणों को मुआवजे की राशी नही दी गई, इस गांव में सौ से अधिक ऐसे परिवार है जो जिनकी जमीने नहर निर्माण के लिए प्रशासन ने अधिग्रहित की थी,  लेकिन ग्रामीणो का आरोप है कि मुआवजा देना तो दूर मुआवजे का प्रकरण भी विभाग ने तैयार नही कराया था,, बार बार ग्रामीणों के शिकायत करने के बाद दो महीने पहले लगभग पचास परिवारों के मुआवजे का प्रकरण पटवारी द्वारा तैयार तो कर लिया गया,,  लेकिन वो भी अब तक कागजी स्याह ही है,,

गौरतलब है की विभाग की अनदेखी से परेशान इन ग्रामीणों ने कई बार जल संसाधन विभाग को इसकी शिकायत की , लेकिन कार्यालय के चक्कर लगाते लगाते जब थक गए तब गांव की महिला सरपंच के साथ सभी ग्रामीण अपने दर्द की दास्ताँ सुनाने एक बार फिर सरगुजा कलेक्ट्रेट पहुचे,,  जहा उनकी मुलाक़ात कलेक्टर से तो नही हुई लेकिन अपर कलेक्टर ने आवेदन ले कर खाना पूर्ती कर दी,, और ग्रामीणों को चलता कर दिया

सरगुजा जिले मे महिला सशक्तीकरण के नाम पर प्रशासन ने खूब थोथा प्रदर्शन किया है,, और ऐसे ही जिले में एक महिला सरपंच गांव की चालीस वर्ष पुरानी मांग लेकर कलेक्ट्रेट मे भटक रही है,, हांलाकि इस मामले की सच्चाई जानने के लिए हमने अपर कलेक्टर से बात करनी चाही थी,, तो उन्होंने हाथ हिलाते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया था,, बहरहाल चालीस वर्षो से भटक रहे इन ग्रामीणों को मुआवजे की राशि कब तक मिल सकेगी,  यह आश्वासन फिलहाल किसी ने नहीं दिया है,,