
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को ईडी की रिमांड पर लिए गए बेटे चैतन्य बघेल से मिलने रायपुर स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और भाजपा सरकार, अडानी समूह तथा ईडी की कार्रवाई पर तीखे सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “जांच की रकम को ईडी ऐसे बढ़ा रही है जैसे हनुमान जी की पूंछ बढ़ती जा रही थी।”
बेटे से मुलाकात में पिता का भावुक अंदाज
चैतन्य बघेल से मिलने के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि, “आज अगर तुम्हारे दादाजी जिंदा होते तो बहुत खुश होते। वे जीवनभर अन्याय के खिलाफ लड़े। आज तुम भी उसी लड़ाई का हिस्सा हो।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जल, जंगल और जमीन के अधिकार की लड़ाई लड़ रही है, जो भाजपा सरकार को रास नहीं आ रही है। इसलिए वह ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर बदले की कार्रवाई कर रही है।
अंग्रेजों से नहीं डरे थे, तो अडानी से क्यों डरेंगे?
भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि, “बीजेपी सरकार तो अडानी को सब कुछ सौंपने में लगी है। अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी थी, अब गुजरात की कंपनी शासन कर रही है। कांग्रेस अंग्रेजों से नहीं डरी थी, तो अडानी से क्या डरेंगे?”
उन्होंने ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी 22 जुलाई को पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी करेगी और भाजपा सरकार की ‘तानाशाही’ का विरोध करेगी।
जांच की रकम करोड़ों से हजारों करोड़ तक… ये कैसा हिसाब?
ईडी द्वारा जांच की राशि में लगातार बढ़ोतरी को लेकर भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, पहले 2100 करोड़ कहा, फिर 3200 करोड़, अब 4000 करोड़! ये रकम बढ़ती जा रही है जैसे हनुमान जी की पूंछ। यह पूरी कार्रवाई सिर्फ बदनाम करने की कोशिश है।
उन्होंने बताया कि उनके बेटे चैतन्य ने लोन लिया था, जिसकी पूरी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में दर्ज है। लेकिन ईडी उसे घोटाले का रूप देने की कोशिश कर रही है।
22 जुलाई को होगी आर्थिक नाकेबंदी
कांग्रेस पार्टी ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। 22 जुलाई को पूरे छत्तीसगढ़ में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी इस मामले की जानकारी दी गई है। प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर ट्वीट कर चुकी हैं, जबकि राहुल गांधी ने फोन पर चर्चा की है।