Video: गोवर्धन पूजा की अनोखी परंपरा में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सहे सोटे के प्रहार, जानें क्यों निभाई जाती है ये रस्म!

दुर्ग-भिलाई। दीपावली के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ में पारंपरिक गोवर्धन पूजा की धूम मची रही। इस पर्व के अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के जंजगिरी गांव में सांस्कृतिक परंपरा को निभाते हुए कुश से बने सोटे (हंटर) का प्रहार सहा। इस परंपरा को निभाने का उद्देश्य प्रदेश में सुख-समृद्धि और मंगल कामना का प्रतीक माना जाता है।

जंजगिरी में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में बीरेंद्र ठाकुर ने भूपेश बघेल पर सोटे का प्रहार किया, जो सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार बाधाओं और विघ्नों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। गोवर्धन पूजा के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से गायों की पूजा कर उन्हें प्रसाद भी अर्पित किया। गोवर्धन पूजा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां इस दिन गोवंश की समृद्धि और खुशहाली के लिए पूजा-अर्चना की जाती है।

ग्रामीण मान्यता के अनुसार, सोटे का प्रहार विघ्न-बाधाओं का नाश कर सुख और समृद्धि का आह्वान करता है। इस परंपरा का हिस्सा बनकर भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को और मजबूती से संजोया है, जो राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

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