दुर्ग-भिलाई. गोधन न्याय योजना गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली लेकर आया है। चंद्रकांत यादव ने कभी नही सोचा था कि गोधन न्याय योजना से उसकी किस्मत का ताला खुल जाएगा। उसने सपने भी नही सोचा था कि वह गोबर बेचकर लाखों रूपए कमा सकेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना चंद्रकांत यादव के लिए एक वरदान साबित हुई।
दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत भानपुरी के चरवाहा चंद्रकांत यादव ने बताया कि इस योजना के शुरू होने के पहले अपने पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत जुझना पड़ता था। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 2 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की। तब से मैं अपने परिवार की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा कर पा रहा हूॅ।
उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 2 लाख रूपए का गोबर विक्रय कर चुका हूॅ। मैं और मेरा परिवार गोबर इकठ्ठा कर उसे गौठान में विक्रय करने के लिए ले जाते हैं। गोबर के साथ-साथ दुध का भी व्यवसाय किया जा रहा है। पहले उनका घर खपरे वाला था, जिससे बारिश के दिनों में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। आज गोबर बिक्री से प्राप्त राशि से उन्होंने अपना पक्का घर बनवा लिया है।
गाय के दुध के साथ-साथ घी एवं दही भी आस पास के गांवों में बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम 17 लीटर दुध बेचकर प्रति माह 10 से 15 हजार की आय प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए गोधन न्याय योजना की सराहना की।