दुर्ग-भिलाई. पिता की इच्छा पूरी करने बेटी अग्निवीर भर्ती में शामिल हुई और सलेक्ट होकर ट्रेनिंग के लिए पहुंची। लेकिन पिता बेटी के अग्निवीर बनने से पहले ही इस दुनिया चल बसे। छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल अपने दुर्ग ज़िले के ग्राम बोरीगारका पहुंची और उसे तब पता लगा कि पिताजी अब नहीं रहे। पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए हिशा के भाई ने दुर्ग स्टेशन पहुंचकर बहन को गाड़ी बैठाया और फिर पूरे गांव में रोड शो किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने हिशा का जोरदार स्वागत किया।
गाड़ी से उतरकर हिशा परेड करते हुए अपने घर की दहलीज पर पहुंचते ही मां से गले लगकर रोने लगी। पिता की फोटो पर माला चढ़ाकर उन्हें सैल्यूट किया। दरअसल हिशा के पिता ऑटो चालक थे, कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था। घर वालों ने पिता की मौत की खबर बेटी से छिपाकर रखी थी। क्योंकि बेटी बीच में ही ट्रेनिंग छोड़कर घर वापस न लौटे। (first agniveer in cg) जब हिशा अपने गांव पहुंची तब पता चला कि उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। अपने आंसू को रोकने के लिए हिशा ने काला चश्मा पहना हुआ था, लेकिन अपनी मां को देखते ही वह रोने लगीं। पूरे गांव को पहले से पता था कि उनके गांव का नाम रोशन करने वाली बेटी हिशा बघेल दुर्ग आ रही हैं, इसलिए उन्होंने उसके स्वागत की तैयारी पहले से कर ली थी। रोड शो के दौरान गांव के लोग बेटी के स्वागत में खुशी से झूमते रहे, बड़े बुजुर्गों ने हिशा को आशीर्वाद दिया। कई घंटों तक रोड शो के बाद हिशा अपने घर पहुंची और परेड करते हुई अपने घर की दहलीज तक गई।
आपको बता दें कि हिशा बघेल का चयन भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में हुआ है। वो अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली बार कल गांव लौटी है। उनके पिता ने ट्रेनिंग में जाते समय मुस्कुराते हुए हिशा को विदा किया था, लेकिन हिशा को यह नहीं पता था कि वह अपने पिता को अंतिम बार देख रही है। हिशा बघेल का चयन सितंबर 2022 में नौ सेना में महिला अग्निवीर के रूप में हुआ है। हिशा ओडिसा के चिल्का में इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी का प्रशिक्षण लेकर लौटी है। अब हिशा महिला अग्निवीर बनकर देश की सुरक्षा करेगी। वही भारतीय नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत कुल 560 पदों पर महिलाओं की भर्ती होनी थी। इसमें पहले चरण में 200 महिलाओं का चयन किया गया है। हिशा का चयन छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में इसी बैच में हुआ।