सीतापुर/अनिल उपाध्याय. पेयजल आपूर्ति बहाल कराने शासन प्रशासन द्वारा की जा रही अनदेखी की वजह से पेयजल संकट गहरा गया है। जिसकी वजह से सुखबासुपारा के लोग पेयजल की किल्लत से जूझ रहे है। इस भीषण गर्मी में उन्हें अपनी प्यास बुझाने कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस संबंध में पीड़ित लोगों ने सरपंच समेत शासन-प्रशासन एवं विधायक को अपनी समस्या से अवगत कराया। पेयजल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने समस्या दूर करने गुहार लगाई। लेकिन ऊपर से नीचे तक इसका कोई असर नही हुआ। जिसकी वजह से आज भी सुखबासुपारा के लोग पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करने को मजबूर है।
उक्त मामला ग्राम पंचायत बनेया के सुखबासुपारा की है।जहाँ पेयजल योजना के अभाव में लोग सालो से पानी की समस्या का सामना कर रहे है। लोगो को पेयजल की आपूर्ति के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्हें अपनी पानी की समस्या दूर करने मोहल्ले से दूर खेतों में लगे बोर का सहारा लेना पड़ता है। तब कही जाकर सुखबासुपारा के लोगो की प्यास बुझती है। पड़ गाहे बगाहे अगर कभी बिजली गुल हो गई तब इनकी क्या हालत होती होगी। इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।सालो से इस परेशानी को झेलने वाले लोगो ने इस संबंध में कई बार आवाज उठाई। उन्होंने अपनी इस समस्या से गांव के सरपंच समेत अधिकारी एवं विधायक को भी अवगत कराया। उनसे पेयजल की समस्या दूर करने की गुहार लगाई। किंतु इनकी आवाज ऊपर से लेकर नीचे तक किसी ने नही सुनी। जिसकी वजह से आज भी यहाँ पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई। जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक बार बार आवाज उठाने के बाद भी कोई हल होता न देख यहाँ के लोगो ने अब इसे अपनी नियति मान चुप्पी साध ली है।
इस संबंध में उपअभियंता पीएचई मनोज केंवट ने बताया कि सुखबासुपारा के लोगो ने पेयजल समस्या के बारे में अवगत कराया है। इनकी समस्या दूर करने यहाँ बोर खनन का प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए ऊपर भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही यहाँ बोर खनन कराया जाएगा। ताकि लोगो को पेयजल समस्या से मुक्ति मिल सके।