
अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगिडीह के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियां सामने आई हैं। आरोप है कि समय पर इलाज और डॉक्टरों की मौजूदगी न होने से एक गर्भवती महिला ने मृत शिशु को जन्म दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम बरगिडीह निवासी 31 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सिर्फ एक नर्स मौजूद थी और कोई डॉक्टर मौके पर नहीं था। कई घंटों तक महिला को बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के तड़पते हुए देखा गया। अंततः रात करीब 10 बजे महिला ने मृत नवजात को जन्म दिया।
“मुझे मेडिकल लाइन में इंटरेस्ट नहीं” – जिम्मेदार बीएमओ का गैरजिम्मेदाराना बयान
घटना के बाद जब परिजनों ने जवाब मांगा तो संबंधित बीएमओ ने बेहद गैरजिम्मेदाराना ढंग से कहा, “मुझे मेडिकल लाइन में कोई इंटरेस्ट नहीं है।” यह बयान न सिर्फ दुखद है बल्कि स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है।
प्रसूता की भाभी उर्मिला ने सरगुजा कलेक्टर को लिखित शिकायत में बताया है कि अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और नर्सों की ड्यूटी में लापरवाही के कारण यह दुखद घटना घटी। उन्होंने बताया कि पीड़िता को दाखिल करने के बाद जब अस्पताल स्टाफ को फोन किया गया तो न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही अतिरिक्त नर्स।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि बरगिडीह स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉक्टर और चार नर्सों की पदस्थापना है, लेकिन प्रसव के वक्त सिर्फ एक नर्स मौजूद थी। इस घोर लापरवाही के कारण ही नवजात की जान नहीं बच पाई।
कार्रवाई की मांग
परिजनों ने दोषी चिकित्सा स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में सुधार की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की गई है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो, इसके लिए अस्पताल की निगरानी और जवाबदेही तय की जाए।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं कब तक लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेंगी? क्या किसी की जिंदगी यूं ही सिस्टम की लापरवाही में खत्म होती रहेगी?