अम्बिकापुर.. छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस की सरकार आने से पहले मुख्यमंत्री से लेकर उनके संत्री तक पत्रकारों को काफी वजनी समझते थे.. लेकिन जिन पत्रकारों की बदौलत वो सरकार मे आए.. और काफी वजनदारी से आए.. अब वही पत्रकार उनके लिए इतने हल्के हो गए हैं कि कांग्रेस के बडे नेताओं के इशारे पर कुछ काफी हल्के नेता पत्रकारों को अपनी जेब मे रखने का इरादा रखते हैं.. ऐसे ही एक मामले मे पूरे प्रदेश के साथ प्रताड़ना स्थल… अम्बिकापुर के पत्रकार कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. मामला इलेक्ट्रानिक मीडिया और वेब मीडिया के पत्रकार पर झूठी शिकायत का है. जिस पर शिकायकर्ता .. मतलब अम्बिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की और जिला कांग्रेस कमेटी के खिलाफ पत्रकारों का एक बडा समूह ने कोतवाली थाने मे शिकायत दर्ज करा कर एफआईआर की मांग की है.. और ऐसा नहीं करने पर क्रमिक भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है..
दरअसल बीते 20 अक्टूबर को अम्बिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की जिला कांग्रेस कमेटी की अगुवाई मे थाने पहुंच गए.. वहां पहुंच कर उन्होंने न्यूज 24 के पत्रकार मनीष सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया. डॉ तिर्की ने ये FIR एक वीडियों के आधार पर दर्ज कराया. और जिस वीडियों के आधार पर ये एफआईआर दर्ज कराया है. उस वीडियो मे कुछ आपत्तिजनक शब्द हैं. लेकिन किसी पत्रकार पर आज तक की सबसे कम समय मे एफआईआर दर्ज करने के इस मामले मे पुलिस ने वीडियो की सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की.. वैसे पुलिस वाले ये सब जानने की कोशिश तब करते जब कोई गरीब इंसान FIR करता.. लेकिन ये FIR तो संभाग के बडे मंत्री के पैर छूकर शहर के प्रथम नागरिक बने एक इंसान ने कराया था.. तो ऐसे मे सत्ता और शासन के दबाव के साथ पत्रकारों को दबाने की नियत से कोतवाली पुलिस ने बिना देर किए एफआईआर दर्ज कर ली..
सच्चाई जाने बगैर FIR
अम्बिकापुर के कोतवाली पुलिस के पास कई पेंडिंग शिकायत होगीं. लेकिन इस वीआईपी शिकायत पर पुलिस ने वीडियो की असलियत जाने बगैर पत्रकार मनीष सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. जबकि जिस वीडियों के आधार पर पुलिस ने शिकायत दर्ज की है.. वो वीडियों और पत्रकार मनीष सोनी द्वारा सोशल मीडिया मे अपलोड किए गए वीडियो के वीडियो ड्यूरेशन और वाईस ओवर दोनो मे जमीन आसमान का अंतर है.. ऐसे मे पुलिस की दबावपूर्ण कार्यवाही इस बात की ओर इशारा कर रही है कि सरकार कि चाटुकारिता करो.. और खुश रहो..
क्या था मामला..
आपको जानकार हैरानी होगी कि नगर निगम प्रशासन और प्रबंधन ने एक किसान की खडी फसल पर.. जेसीबी चला कर पक रही धान की फसल चौपट कर दी.. जिसके बाद तकरीबन सभी अखबार और इलेक्ट्रानिक मीडिया मे ये खबर प्रमुखता से चली. और दोषी बनाए गए मनीष ने भी ये खबर अपने सोशल मीडिया मे अपलोड की गई.. पर मनीष की बनाई गई असली खबर के एडिटेड वीडियो को लेकर महापौर डॉ अजय तिर्की कोतवाली थाने पहुंच गए.. और कोतवाली पुलिस ने बिना जांच पूछताछ के मनीष पर एफआईआर दर्ज कर लिया.
टीआई का बयान
मामले को लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया और वेब मीडिया के सक्रिय पत्रकारों ने कोतवाली थाने मे झूठी शिकायत और एडिटेड वीडियो के आधार पर शिकायत देने वाले कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की ..और मामला दर्ज करने की मांग की. तो कोतवाली थाना प्रभारी ने कहा कि इस पर एफआईआर नहीं बनता है.. जबकि इन्ही थानेदार ने पत्रकार मनीष सोनी के खिलाफ दिए गए एडिटेड वीडियो के आधार पर बिना जांच किए एफआईआर दर्ज कर लिया था! ऐसे मे आप ही बताइए कि सरकार पत्रकारों का दमन कर रही है या हकीकत ये है कि गुण्डाराज कायम है…