अम्बिकापुर। लॉकडाउन के दौरान जहाँ छत्तीसगढ़ प्रदेश में बसों का संचालन बन्द हो गया था, ऐसे में यात्रियों को आने जाने में काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा था। कोविड-19 के मद्देनजर राज्य शासन के आदेश के बाद बसों को चलने की अनुमति दी गई है। बसों के चलने के बाद भी बसों में सवारी नही मिलने से बस मालिक काफी परेशान है और बस स्टैंड में पसरी गन्दगी और सड़ी सब्जियों के बदबू से बस चालक सहित यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अम्बिकापुर अंतरराज्यीय बस अड्डा से 180 दिनों बाद बस को चलाने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा मिलने के बाद बस मालिकों व बस चालको द्वारा अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया गया। बस मालिको द्वारा डीजल के दामो में कमी और टैक्स माफ करने की मांग रखी, तो वही बस चालक संघ ने 6 महीने की बेरोजगारी भत्ता देने सरकार से आग्रह किया।
अम्बिकापुर के बस मालिक गुरवेश सिंह छाबड़ा ने बताया की राज्य सरकार के आदेश के बाद अम्बिकापुर से बसों का चलना सुरू तो हो गया है। मगर अंतरराज्यीय बस अड्डे से 10% गाड़ियां भी चलनी सुरु नही हो पाई है। कोरोना संक्रमण की वजह से यात्री बसों में सफर करने से अपनी दूरी बना कर प्राइवेट गाड़ियों में सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे है। यही वजह है कि बसों में यात्रियों के सफर नही करने से बस मालिको नुकसान उठाना पड़ रहा है। बस मलिक ने बताया कि अम्बिकापुर से वाडफनगर, रामानुजगंज, बगीचा जशपुर सहित बिलासपुर, रायपुर के लिए बसों का संचालन सुरु किया गया है।
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा थोक सब्जी मंडी को प्रतीक्षा बस स्टैंड में शिफ्ट किया गया है। जिसके बाद व्यपारियो द्वारा बची सब्जियों को बस स्टैंड में ही फेक दिया जाता है, फेंकी गई सब्जियों की वजह से बस स्टैंड में आवारा मवेशियों के जमावड़ा लगा रहता है। सब्जियों के सड़ने के बाद फैलने वाली दुर्गंध से बस चालक सहित यात्रियों को भी दिक्कतें आती है। मगर निगम द्वारा सफाई की व्यवस्था नही की गई है।