
अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..मनरेगा में मृत व्यक्ति के नाम फर्जी तरीके से डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत कराने का मामला प्रकाश में आया है।लगभग चार साल पहले मरे हुए व्यक्ति को जीवित बता उसके नाम से डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत कराया गया है।इस मामले में आवास मित्र की संलिप्तता बताई जा रही है।मृत व्यक्ति के बेटे ने आवास मित्र पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने का आरोप लगाया है।
इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत बेलजोरा जंगलपारा निवासी सुखनाथ नागवंशी आ केहटा के नाम से सन 2024-25 में मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था।जिस सुखनाथ के नाम से डबरी स्वीकृत हुआ है वो अब इस दुनिया में नही है।घरवालों के बताए अनुसार उसकी तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है।जिसे फर्जी तरीके से जीवित बताकर उसके नाम से सन 2024-25 में डबरी स्वीकृत कराया गया है।इस फर्जीवाड़े में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के आवास मित्र का नाम सामने आया है।जिसके द्वारा मनरेगा विभाग के अधिकारियों को धोखे में रखकर उक्त कृत्य को अंजाम दिया गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम पंचायत में नियुक्त आवास मित्र का जनपद पंचायत एवं मनरेगा शाखा में अच्छी पकड़ है।अधिकारी उसकी बातों पर आँख बंद कर भरोसा करते हैं।जिसका अनुचित लाभ उठाते हुए आवास मित्र ने मनरेगा योजना में कई घोटालों को अंजाम दिया है।इस घोटाले को भी आवास मित्र ने अधिकारियों के भरोसे के दम पर ही अंजाम दिया है।इस संबंध में मृतक सुखनाथ के पुत्र रामकुमार ने आवास मित्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सारा कुछ किया धरा उसी का है।उसने बताया कि उसके पिता को मरे तीन से चार साल होने को हैं।
मृत पिता के नाम से डबरी निर्माण की स्वीकृति उसे या परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं है और न ही किसी ने बताया था।आवास मित्र ने जब हमारी जमीन पर डबरी खोदाई शुरू कराया तब पता चला कि पिता के नाम से डबरी स्वीकृत हुआ है।तीन साल पहले मृत पिता के नाम डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत होने से पूरा परिवार हैरान हैं।उनका कहना है कि हमे डबरी की कोई आवश्यकता नहीं है।बल्कि डबरी निर्माण से हमारी उपयोगी जमीन बेकार हो जायेगी।उन्होंने कहा कि आवास मित्र ने अपने निजी लाभ के लिए फर्जी तरीके से मृत पिता के नाम डबरी स्वीकृत कराया है।ताकि वो इसकी आड़ में फर्जीवाड़े करते हुए अपने मंसूबो को अंजाम दे सके।
हालांकि परिवार की इच्छा के विपरीत आवास मित्र ने दो माह पूर्व डबरी निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया।लेकिन परिवार आवास मित्र द्वारा मृत पिता के नाम फर्जी तरीके से कराए गए डबरी निर्माण कार्य से काफी नाखुश है।उनका कहना है कि आवास मित्र ने उनके भोलेपन का नाजायज लाभ उठाया है।आवास मित्र द्वारा एक मृत व्यक्ति को जीवित बता उसके नाम डबरी स्वीकृत कराना एक गंभीर मामला है।अगर इसकी निष्पक्षता पूर्वक जांच हो जाये तो और भी कई मामलो का पर्दाफाश हो सकता है।
सवालों के घेरे में डबरी निर्माण कार्य
मनरेगा योजना के तहत मृत व्यक्ति के नाम से कराए गए डबरी निर्माण कार्य भी सवालों के घेरे में आ गए हैं।डबरी निर्माण के दौरान आधिकारिक मापदंड का ख्याल नही रखा गया है।प्रत्यक्षदर्शी के बताए अनुसार जिस जगह पर डबरी का निर्माण कराया गया है वो जगह पहले से ही गड्ढानुमा आकर का था।उस गड्ढे के चारो ओर से मिट्टी हटाकर उसे चौकोण आकर दिया गया है।जिसके बाद डबरी के चारो ओर मिट्टी पाटकर ऊँचा बना दिया गया है ताकि देखने मे डबरी गहरा लगे।अगर डबरी निर्माण की जांच की जाए तो इसमे भी बहुत सारी खामियां निकलेंगी।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खुशबू शास्त्री ने बताया कि वो इस मामले की जांच करायेंगी।जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्यवाही की जायेगी।