
अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..एक समय राष्ट्रीय पर्वों की शान बढ़ाने वाला जयस्तंभ आज खुद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। वर्षों से रखरखाव और मरम्मत की अनदेखी के चलते यह राष्ट्रीय स्मारक जर्जर हालत में पहुंच चुका है। सीतापुर के महामाया वार्ड क्रमांक 10 में स्थित यह ऐतिहासिक प्रतीक चिन्ह अब उपेक्षा का शिकार बन चुका है, जिसे देख नगरवासियों की चिंता बढ़ गई है।
नगर पंचायत द्वारा हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी के पहले इसकी सफाई और रंग-रोगन तो जरूर कराया जाता है, लेकिन पर्व बीतते ही यह स्मारक फिर उपेक्षा की धूल में ढंक जाता है। नतीजा यह है कि जयस्तंभ का प्रवेश द्वार क्षतिग्रस्त हो गया है, प्लास्टर उखड़ चुके हैं और उसके चारों ओर गंदगी का अंबार लग गया है। यह नजारा न सिर्फ स्मारक की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि आमजन की भावनाओं को भी आहत कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जयस्तंभ की यह बदहाल स्थिति नगर पंचायत की लापरवाही का नतीजा है। नागरिकों ने पूर्व वार्ड पार्षदों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिनकी निष्क्रियता के कारण आज यह राष्ट्रीय प्रतीक खस्ताहाल हो चुका है।
स्वतंत्रता दिवस अब करीब है और उम्मीद जताई जा रही है कि नगर पंचायत समय रहते जयस्तंभ की मरम्मत कर इसकी गरिमा फिर बहाल करेगी। ताकि इस ऐतिहासिक स्मारक पर एक बार फिर तिरंगा लहराते वक्त गर्व और गौरव की भावना जागृत हो सके।