
रायपुर.. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कल अपना 43 वा जन्मदिन मनाया..इस बीच बैज समर्थकों और पीसीसी के नेताओं ने पीसीसी चीफ को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी..लेकिन सबसे अहम बात यह रही की पीसीसी चीफ को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बधाई दी..जिसके बाद पीसीसी चीफ बैज ने रिपोस्ट पोस्ट करते हुए.. शुभकामना संदेश के लिये आभार व्यक्त किया..लेकिन बैज ने विधायक देवेंद्र को कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष छोटे भाई के नाम से संबोधित किया..हालांकि बाद में पीसीसी चीफ के फेसबुक वाल से पोस्ट डिलीट कर दी गई!..जो अब सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोर रही है!.
बात पीसीसी की हो रही है..जबकि पीसीसी के अंदरखाने में क्या कुछ हलचल है..किसी से छिपी नहीं है..पहले कभी पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ बैज की जोड़ी ने विधानसभा चुनाव 2023 में फिर से एकबार सरकार बनाने का ऐलान करते हुए..चुनाव लड़ा था..और पीसीसी चीफ को हार का सामना करना पड़ा था..पूर्व सीएम बघेल चुनाव जीत तो गए पर कांग्रेस की सरकार नही बनी..और दोनों ही नेताओं के रास्ते अलग हो गए..ऐसे में ख़्वाजा साजिद का एक शेर इस पर फिट बैठता है!.
“कल सियासत में भी मोहब्बत थी.. अब मोहब्बत में भी सियासत है”
ऐसा इसलिए क्योंकि विधायक देवेंद्र यादव भूपेश बघेल के करीबी माने जाते है.. एनएसयूआई से अपनी राजनैतिक सफर की शुरुआत करने वाले देवेंद्र कांग्रेस के सक्रिय नेता है..और उनके पीछे युवाओं की टोली भी सक्रिय है..समय – समय पर विधायक देवेंद्र यादव ने कई मौकों पर शक्ति प्रदर्शन भी किया है..और राहुल गांधी के विश्वस्त नेताओं में इनकी गिनती होती है!.
पीसीसी में नेतृत्व को लेकर पिछले कुछ दिनों से हलचल है..और हालिया दिनों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने प्रदेश के आदिवासी वर्ग के कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की थी..जिसके बाद देवेंद्र यादव को कार्यकारी अध्यक्ष संबोधित किया जाना ..कही ना कही कांग्रेस के आदिवासियों के प्रति प्रेम को बेनकाब करती है..प्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव के समय पीसीसी चीफ भूपेश बघेल रहे जो कि ओबीसी वर्ग से है..और उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पीसीसी चीफ की कुर्सी मोहन मरकाम को मिली मोहन आदिवासी वर्ग से थे..वर्तमान में पीसीसी चीफ बैज भी आदिवासी वर्ग से है..लेकिन देवेंद्र यादव को बैज के द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष बताया जाना..यह साफ कर देता है..की बैज की जगह देवेंद्र की हो सकती है..ऐसे में अब यह माना जा रहा है..की कांग्रेस का आदिवासी प्रेम महज दिखावा है..वह भी आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ प्रदेश में!.