जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस को कांग्रेसी विधायकों द्वारा मीडिया से चर्चा करने के लिए सोमवार को दोपहर 12 बजे के लिए आरक्षित किया गया था। एक दिन पहले प्रोटोकॉल अधिकारी द्वारा अनुमति भी मिल गया था, लेकिन सोमवार सुबह होते ही एसडीएम जांजगीर द्वारा विधायकों को फोन में यह जानकारी दिया गया कि सर्किट हाउस को कांग्रेसियों को बैठक के लिए नहीं देना है। जब विधायको द्वारा अनुमति नहीं देने के लिए कारण पूछा जाता है तो जिला प्रशासन की ओर से जवाब आता है कि ऊपर से आदेश है। और कहा जाता है कि राजनीति विषयों की चर्चा के लिए सर्किट हाउस नहीं दिया जा सकता। फिर मजबूरी में कांग्रेसी विधायकों को अपने कार्यालय में अपनी बात रखनी पड़ती हैं।
इससे कहा जा सकता है अब अधिकारी भी दबाव में काम कर रहे हैं। विधायको इस मामले को लेकर खूब नाराजगी जाहिर की है। और कहा है कि बीजेपी सरकार में अधिकारी भी एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। कलेक्टर, एसपी निर्वाचित विपक्ष के विधायकों का बात नहीं सुन रहे है। पहले अधिकारी द्वारा सर्किट हाउस में बैठक करने की अनुमति दी जा चुकी थी उसके बाद ऐसा क्या हुआ कि दूसरे दिन अधिकारी अपने ही आदेश से पलटने लगे, इससे साफ जाहिर होता है अधिकारी,कलेक्टर सभी बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। अधिकारी भेदभाव की राजनीति कर रहे हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं।
एक दिन पहले ही जांजगीर-चांपा विधायक को जिले के कलेक्टर आकाश छिकारा ने चेंबर के अंदर तीन लोगों से ज्यादा अंदर नहीं आने दिया था जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना रहा है। अब पूरे मामले में सक्ति एवं जांजगीर चांपा जिले का कांग्रेसी विधायको द्वारा विधानसभा सचिव एवं अध्यक्ष से शिकायत करने की बात कहे रहे है।