
अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ में बिजली बिलों में की गई वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है, जिसका नाम “बिजली न्याय आंदोलन” रखा गया है। आंदोलन का पहला चरण 15 जुलाई से शुरू होगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने सोमवार को अम्बिकापुर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आम जनता पर बोझ लादने का काम कर रही है।
80 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को बताया अन्यायपूर्ण
टीएस सिंहदेव ने बताया कि मौजूदा सरकार ने पिछले पौने दो सालों में बिजली की दरों में प्रति यूनिट 80 पैसे की वृद्धि की है, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। इसके मुकाबले पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में पांच वर्षों के दौरान बिजली दरों में महज 2 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी।
किसानों पर भी पड़ा सीधा असर
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भी बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, जो खेती-किसानी को और कठिन बना देगा। ऊपर से किसानों को समय पर खाद तक नहीं मिल रही है, जिससे उनकी परेशानियां दोगुनी हो गई हैं।
घाटे का हवाला, लेकिन सवाल अनुत्तरित
राज्य सरकार द्वारा सीएसपीडीसीएल को घाटे में बताकर दरें बढ़ाने के तर्क को खारिज करते हुए सिंहदेव ने कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि बिजली उत्पादन इकाइयां अपनी पूरी क्षमता से काम कर रही हैं या नहीं। साथ ही, उन्होंने ट्रांसमिशन लॉस को कम करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
“नाकामी छिपा रही सरकार”
सिंहदेव ने आरोप लगाया कि अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सरकार आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर चुप बैठने वाली नहीं है और हर स्तर पर इसका विरोध करेगी।
15 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन
कांग्रेस की ओर से बताया गया कि ‘बिजली न्याय आंदोलन’ का पहला चरण 15 जुलाई से शुरू होगा, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता आम जनता के बीच जाकर इस मुद्दे को उठाएंगे और राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे।