गोपनीय व परीक्षा विभाग कर्मचारियों से सीएसपी ने की पूछताछ
फर्जी अंकसूची मामला, नोटिस देकर कर्मचारियों को बुलवाया थाने
अम्बिकापुर
सरगुजा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई काॅलेजों के फेल छात्रों को फर्जी अंकसूची देकर पास घोषित करने के मामले में जांच कर रही कोतवाली पुलिस ने आज सरगुजा विश्वविद्यालय के गोपीनय व परीक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए थाने बुलवाया। जिससे परीक्षा व गोपनीय विभाग के सारे कर्मचारी थाने पहुंचे। सीएसपी कर्मचारियों से फर्जी अंकसूची के संबंध में पूछताछ कर अंकसूची बनाने की सारी प्रक्रिया के बारे में तथा अंकसूची में किये गये हस्ताक्षर के संबंध में पूछताछ की। पूर्व में पकडे गये मुख्य आरोपी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सरगुजा विश्वविद्यालय के गोपनीय शाखा मे कार्यरत कुछ लोगों के नाम को पुलिस के सामने लाया था। फर्जी अंकसूची बनाने में उसके साथ संलिप्त सरगुजा विवि के कर्मचारी का नाम उजाकर होने से सरगुजा विश्वविद्यालय में खलबली मच गई थी। पकड़े गये आरोपी के बयान के आधार पर सीएसपी ने कृष्णा दास सहित अन्य कर्मचारियो से पूछताछ की। पूछताछ में उपस्थित कर्मचारियों ने सरगुजा विश्वविद्यालय के ओएसडी डीपीएस तिवारी के पुत्र अभिषेक तिवारी को पकड़ कर पूछताछ करने की बात पुलिस से कही है। कर्मचारियों का मानना है कि उससे पूछताछ के बाद सारे लोगों का नाम सामने आ जायेगा।
गौरतलब है कि सरगुजा विश्वविद्यालय में फर्जी अंकसूची मामले के सामने आने के बाद सरगुजा विवि की रिपोर्ट पर पुलिस ने 16 छात्रों को आरोपी बना धारा 420, 467, 468, 471 व 34 के तहत 11 अगस्त 2015 को अपराध कायम कर छात्रों से पूछताछ की तो पता चला था कि वसुन्धरा विहार काॅलोली में किराये के मकान में रह रहे क्वाटर नम्बर एच 18 बी निवासी संतोष कुमार श्रीवास्तव पिता फिरंगी लाल इस पूरे गड़बलझाले में मुख्य भूमिका निभा रहा था। संतोष श्रीवास्तव वर्ष 2001 से अम्बिकापुर में आकर साई बाबा काॅलेज के समीप स्टूडेंट कार्नर के नाम से दुकान खोला और सरगुजा विश्वविद्यालय से समृद्ध काॅलेजों में पुस्तक, साईस लैब व अन्य सामानों की सप्लाई करता था। दुकान को ही केन्द्र बिन्दू बनाकर सरगुजा विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों व दलालों की सांठगांठ से फेल हुये छात्रों की सूची प्राप्त कर उनसे सम्पर्क करने के बाद पैसे लेकर उत्तीर्ण की फर्जी अंकसूची प्रदान करने का काम किया करता था। गड़बडी सामने आने के बाद संतोष श्रीवास्तव जून 2015 से फरार होकर रांची में रह रहा था। वहां भी स्कूलांे व काॅलेजों मे ंसामान सप्लाइ का काम करते हुये अच्छी पैठ बना ली थी। इसी बहाने वह शिक्षकों को पीएचडी की उपाधी दिलाने के नाम पर 9 लोगों से 65-65 सौदा तय किया था और एड़वास के तौर पर सभी से 15-15 हजार रूपये ले लिया था। उनमें रांची उदय काॅलेज, जशपुरिहा काॅलेज, गुमला व पत्थलगांव के शिक्षक शामिल थे। सूचना पर पुलिस ने उसे रांची से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने सरगुजा विश्वविद्यालय के गोपनीय शाखा में कार्यरत कृष्णादास सहित अन्य लोगों का नाम उजाकर किये थे। पुलिस ने विवि के गोपनीय व परीक्षा शाखा में कार्यरत कई कर्मचारियों को बयान के आधार नोटिस देकर थाने में उपस्थित होने को कहा था। इसी के तहत आज कृष्णादास सहित दर्जनों कर्मचारी थाने पहंुचे। सीएसपी ने अंकसूची बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। पुलिस का कहना था कि बयान में कृष्णादास का नाम आया है। हमे तो अपनी कार्यवाही करनी होगी। अन्य कर्मचारियों द्वारा कृष्णा दास के पक्ष में बयान देने पर पुलिस ने कहा कि अपने आप को दोषमुक्त करने सुबूत दें या जेल जाने के लिए तैयार रहे। पुलिस ने कर्मचारियों के बयान पर सरगुजा विवि ओएसडी के पद पर पदस्थ श्री तिवारी के पुत्र अभिषेक तिवारी जो कि पूर्व में इंजिनियरिंग काॅलेज में अध्यापक था। उसे भी पूछताछ के लिए बुलवाया है। उपस्थित कर्मचारियों ने दावा किया है कि अभिषेक से पूछताछ के बाद सारे नाम सामने आ जायेंगे।