बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में नई खनिज नीति लागू है..नदी व नालों से रेत उत्खनन के लिए टेंडर किये गए है..और रेत का उत्खनन और भंडारण भी किया गया है..लेकिन मानसून के आते ही रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लागू हो जाता है..वही प्रतिबंध के बाद भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम पर अवैध उत्खनन जारी है..रेत माफिया अपने लठैतों के साथ नदी घाट पर अब भी जमे हुए है..जो कि नियमः गलत है..
दरअसल जिले के पचावल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पांगन नदी पर नई खनिज नीति के तहत रेत उत्खनन की लीज दी गई है..मगर ठेकेदार के हौसले इतने बुलंद है..की वे न सिर्फ चिन्हाकित स्थल से दूर अन्य स्थान पर रेत का उत्खनन कर रहे है..बल्कि वन विभाग के प्लांटेशन को भी तोड़कर रास्ते के रूप में उपयोग किया जा रहा है..जिसका विरोध ग्रामीण तो कई महीनों से कर रहे है..लेकिन अब सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव व जिला पंचायत सदस्य रामचरितर सोनवानी भी खुलकर कर रहे है..एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद रेत के उत्खनन के सबन्ध में एक नही कई दफे एसडीएम समेत कलेक्टर तक को ज्ञापन सौंपे गए है..मगर प्रशासन है कि उसके कान में जू तक नही रेंग रही ..
बता दे कि पचावल क्षेत्र में पांगन नदी पर हितेश सिंह ठाकुर भाटिया ग्रुप को रेत उत्खनन का टेंडर मिला है..और ग्रामीणों का आरोप है कि जिस रकबा और खसरा नम्बर पर रेत उत्खनन की अनुमति प्रशासन ने दी है..उससे हटके उत्खनन का कारोबार फल फूल रहा है..
जानकारी थी..जांच भी कराया!..
वन विभाग के डीएफओ लक्ष्मण सिह कहते है..की उन्हें यह जानकारी कुछ दिन पूर्व ही मिली थी..की जंगल के रास्ते रेत का परिवहन हो रहा है..और उन्होंने जांच भी कराई ..मगर जांच में उन्हें ऐसे किसी भी प्रकार के तथ्य नही मिले.. जबकि डीएफओ साहब के प्रतिक्रिया के विपरीत दृश्य तस्वीरें बया कर रही है..
हम कुछ नही कर पाएंगे..
वही एसडीएम रामानुजगंज कहते है..यह हाईप्रोफाइल सेंटिंग है..इस मसले पर हम कुछ भी नही कर पाएंगे..साहब से बात कीजिये!.
बहरहाल प्रदेश के मंत्री लाख दावे कर रहे है कि..अवैध उत्खनन कही नही हो रहे है..और रेत के अवैध उत्खनन पर कार्यवाही होगी..मगर कब कार्यवाही होगी?.और कौन कार्यवाही करेगा यह समझ से परे है?.