अम्बिकापुर। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है, इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत विभिन्न कार्यक्रम में शामिल हुए। सर्वप्रथम उन्होंने अपने निवास कार्यालय में दो मौन का मौन रखकर महात्मा गांधी को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद राजीव भवन में पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष् शैलेष नितिन त्रिवेदी व अन्य सदस्यों के साथ महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसी क्रम में वे संस्कृति भवन जाकर भी वहाँ लोगों के साथ मिलकर महात्मा गांधी के विचारों को याद किया।
तत्पश्चात वे दुर्ग जिले के ग्राम नेवई रवाना हुए, यहाँ उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पंथी कलाकार पद्मश्री राधेश्याम बारले से मुलाकात की। राधेश्याम बारले, पहले पंथी नृत्य कलाकार हैं, जिन्हें पद्मश्री प्राप्त हुआ है। पंथी नृत्य के ज़रिये गुरू घासीदास जी सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास के जीवन और उनके उपदेशों का गायन किया जाता है।
राधेश्याम बारले के निवास पर ही छत्तीसगढ़ की बाल कलाकार आरू साहू ने संस्कृति मंत्री से मुलाकात की और अपने हुनर की झलक दिखाई। आरू साहू का सुरीला गीत सुनकर मंत्री अमरजीत भगत बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने मुक्त कंठ से आरू साहू की तारीफ की।
आरू ने इस अवसर पर मैनपाट में कला प्रदर्शन की इच्छा जाहिर की और मंत्री अमरजीत भगत से निवेदन किया कि वे इसके लिए अवसर प्रदान करें। उन्होंने सरगुजा कलेक्टर से दूरभाष पर बात कर मैनपाट महोत्सव में आरू साहू का नाम कला की प्रस्तुति के लिए शामिल करने को कहा। जिसे जिला कलेक्टर ने तत्काल स्वीकर कर लिया। आरू साहू छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार गीत के कारण चर्चा में आई थी।