Chhattisgarh: नशे की लत मिटाने शराबी सरपंच ने बेच दी गोठान, सचिव की मिलीभगत से दिया अंजाम

सीतापुर/अनिल उपाध्याय. पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लाखो की लागत से बना गोठान सरपंच ने बेच दिया। उक्त गोठान पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में बनाया गया था। जिसे सचिव की मिलीभगत से सरपंच ने शराब की लत मिटाने गांव के लोगो को औने पौने दामों में बेच दिया। ग्रामीणों को जब इस बात की पता चली तब उन्होंने सरपंच का घेराव कर दिया। लोगो का आक्रोश देख सरपंच सामान वापस लाने का आश्वासन देकर भाग निकला। इस संबंध में ग्रामीणों ने गोठान का सामान बेचने वाले सरपंच एवं सचिव के विरुद्ध जाँच एवं कार्रवाई की मांग की है।
    
उक्त मामला ग्राम पंचायत भुषु का है। जहाँ प्रदेश की काँग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान लाखो रुपये की लागत से गोठान का निर्माण कराया गया था। गोठान निर्माण के पीछे सरकार का उद्देश्य पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देना था। साथ मे गांव के पशुपालकों से गोबर खरीदकर उसका खाद बना जैविक खाद को बढ़ावा देना था। इसके अलावा जीविकोपार्जन को बढ़ावा देने गोठान में कुटीर उद्योग के तहत साधन संसाधन उपलब्ध कराना था। इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गई और नई सरकार ने पूर्व में संचालित गोठान योजना से मुँह फेर लिया। जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए सरपंच ने गोठान के सामानों को बेचना शुरू कर दिया। उसने बारी बारी से गोठान में लगे सीमेंट एवं टीन के शेड लोहे का पाइप ईंट आदि को गांव के लोगो को बेच दिया। इसके अलावा गोठान में पानी की व्यवस्था के लिए लगाए गए सबमर्सिबल पंप को भी उसने गांव वालों को बेच दिया। सरपंच ने इस नाजायज काम को सचिव की मिलीभगत से अंजाम दिया।

सरपंच के इस कृत्य की भनक लगते ही गांव के लोग इकट्ठे हो गए और इसका विरोध करने लगे। उन्होंने इसे गैर कानूनी बताते हुए सरपंच समेत गोठान का सामान खरीद कर ले जा रहे लोगो को रोक लिया। इस दौरान विरोध कर रहे लोगो ने सरपंच पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा जमकर हंगामा मचाया। गांव के लोगो का विरोध बढ़ता देख सरपंच सकते में आ गया। सरपंच ने मौका देख बेचा गया सामान वापसी का आश्वासन देकर लोगो को शांत किया। लोगो ने भी सरपंच की बातों पर भरोसा कर बेचे गए सामान समेत उसे जाने दिया। इसके बाद लोगो ने काफी दिनों तक इंतजार किया पर सरपंच ने अपना आश्वासन पूरा नही किया। इस मामले में सचिव ने भी पूरी तरह चुप्पी साध ली थी। जिससे ग्रामवासियों में सरपंच सचिव के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने इस मामले की सरपंच, सचिव को दोषी मानते हुए इनके विरुद्ध जाँच एवं कार्रवाई की मांग की है।

किसानों का लाखो रुपये फंसा है गोठान में

गोठान में गोबर के जरिये जैविक खाद बनाने गांव के किसानों से गोबर खरीदी प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके तहत गांव के कई किसानों ने इस उम्मीद के साथ गोठान में अपना गोबर बेचा था। ताकि इसके बदले उन्हें अच्छी खासी कमाई हो जाएगी। जो भविष्य में उनके खेती किसानी के काम आयेगी। किंतु सरपंच ने किसानों के उम्मीद पर पानी फेर दिया। सरपंच सचिव की लापरवाही के कारण गांव के पंकज यादव, उमेश यादव, दिनेश यादव, हरि यादव समेत अन्य किसान के पैसे डूब गए।किसानों ने कई बार सरपंच सचिव से अपने गोबर के पैसों की मांग। पर सरपंच और सचिव ने उनकी एक न सुनी। इस संबंध में पीड़ित किसानों का कहना है कि सरपंच शराबी किस्म का है। जो अक्सर नशे की हालत में ही रहता है। उसने अपने शराब की लत बुझाने के लिए गोठान में लगे सामान बेच दिए। उन्होंने शंका जाहिर करते हुए कहा कि सरपंच सचिव समेत अन्य संबंधितों ने मिलकर उनके गोबर की राशि हड़प ली। जिसकी वजह से वो अपने हक के पैसों के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे है। सरपंच सचिव के लापरवाही के कारण गोबर का पैसा गंवाने वाले किसान काफी मायूस है।

वीरान हो गया गोठान

पशुधन संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निर्मित गोठान सरपंच की लापरवाही के कारण उजाड़ हो गया। लाखो की लागत से बना गोठान आज खुद अपने संवर्धन की बाट जोह रहा है। वहाँ लगे सारे सामान कौड़ी के भाव बेचे जाने के कारण गोठान उजाड़ एवं वीरान हो गया है। अब वहाँ गोठान के नाम पर टूटे फूटे अवशेष और बेजान गोबर भर नजर आ रहे है। देखा जाए तो सरकारी गोठान की इस दुर्दशा के लिए केवल सरपंच सचिव ही जिम्मेदार नहीं है। बल्कि अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार है जो क्षेत्र भ्रमण के बजाए केवल कार्यालय तक ही सीमित होकर रह गए है। दरअसल अधिकारियों ने मुख्यालय की जगह जिला मुख्यालय को अपना ठिकाना बना रखा है। जहाँ से अपने इच्छानुसार मुख्यालय में ड्यूटी करने आते है और ड्यूटी खत्म होते ही लौट जाते है। इस बीच उनके पास इतना समय नही होता कि वो क्षेत्र का भ्रमण कर सके।जिसकी वजह से क्षेत्र में चल रहे जनकल्याणकारी योजना और विकास कार्य दिशाहीन हो गए है। जिसका खामियाजा क्षेत्र के जरूरतमंद लोगो को भुगतना पड़ रहा है।

इस संबंध में सीईओ जनपद पंचायत एस के मरकाम ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जायेगी। जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।

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