जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। मौजूदा हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन भी अब अलर्ट हो गई है। एहतियात के तौर पर जगदलपुर जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित गुप्तेश्वर मंदिर में धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी है, तो वहीं मंदिर में भक्तों की एंट्री पर भी बंद कर दी गई है। इस फैसले के बाद अब महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दरअसल, ओडिशा में शबरी नदी के पार गुप्तेश्वर मंदिर है जो कि ओडिशा सरकार के अधीन में आता है। दो दिन पहले कोरापुट के कलेक्टर द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के मकसद से गाइडलाइन जारी की गई थी।
इसके तहत नौ मार्च से 12 मार्च तक मंदिर में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। इस आशय का पत्र जगदलपुर जिला प्रशासन को भी भेजा गया है। ऐसा इसलिए कि शबरी नदी के दूसरे किनारें पर छत्तीसगढ़ लगा हुआ है। हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर दोनों राज्यों के हजारों भक्त बाबा गुप्तेश्वर के दशर्न करने के लिए जाते हैं।
जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश
ओडिशा की तरफ से सड़क मार्ग के जरिए मंदिर तक पहुंचा जाता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के रास्ते मंदिर पहुंचने का रोमांच शिव भक्ता को अपनी ओर आकर्षित करता है। उसके पीछे वजह ये है कि शबरी नदी पर हर साल माचकोट वन परिक्षेत के वन कर्मचारी और स्थानीय लोग लकड़ी और बांस का पुल तैयार कर मंदिर तक पहुंचते हैं जो काफी रोमांच पैदा करता है। क्योंकि ओडिशा के कोरापुट जिला प्रशासन द्वारा मंदिपर में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है, ऐसे में छत्तीसगढ़ की तरफ जानें वाले लोगों को वहां पहुंचने पर निराशा न हो इस बात का ख्याल करते हुए जगदलपुर प्रशासन ने भी आदेश जारी किया है।
इसके अलावा शहर के शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जो आयोजन होंगे उसमें भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम आयेाजित किए जाएंगे।