
सुकमा। जिले के गोंदपल्ली गांव में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब मवेशी चराने गए एक युवक पर जंगली भालू ने अचानक हमला कर दिया। घटना में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए शोर मचाकर भालू को भगाया और किसी तरह घायल युवक को गांव तक लाया। फिलहाल उसका इलाज सुकमा अस्पताल में जारी है।
सुबह के समय युवक अपने मवेशियों को चराने जंगल की ओर गया था। गायों को चराने के दौरान झाड़ियों से अचानक भालू निकल आया और उस पर टूट पड़ा। युवक के हाथ में गहरे घाव हो गए। उसकी चीख सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर भालू को पीछे हटने पर मजबूर किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ महीनों से जंगलों में भालू और अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। मवेशी चराने या लकड़ी लाने गए ग्रामीणों का उनसे सामना हो जाता है, जो कई बार जानलेवा साबित होता है। भालू आम तौर पर रात में सक्रिय रहते हैं, लेकिन भोजन की तलाश में अब दिन में भी गांवों के नजदीक पहुंचने लगे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। सुकमा और आसपास के इलाकों में भालुओं के हमले की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि गांवों के आसपास सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जाएं और जंगलों में गश्त तेज की जाए।
नक्सल प्रभावित और घने जंगलों वाले सुकमा जिले में एक ओर वन्यजीव संरक्षण की चुनौती है तो दूसरी ओर ग्रामीणों की सुरक्षा और आजीविका का सवाल। ऐसे में जंगली जानवरों और इंसानों के बीच लगातार बढ़ रहा टकराव प्रशासन के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है।