नारायणपुर… धर्मांतरण मामले में हुए विवाद के बाद भाजपा के 6 सदस्य जांच टीम बनाकर नारायणपुर भेजा गया था. लेकिन नारायणपुर जिला प्रशासन के साथ पुलिस बल पूर्वक बेनूर थाना क्षेत्र के हाईवे पर उन्हें रोक दिया गया और नाकेबंदी कर दी गई थी. कई घंटों तक भाजपा के नेता सड़क पर बैठकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए. बीच में जरूर नारायणपुर कलेक्टर और एसपी के साथ यह जांच दल बंद कमरों में बैठक भी की बैठक करने के बाद वापस नारायणपुर जाने के लिए गाड़ियां निकली उसी वक्त दोबारा पुलिस सड़क में नाकेबंदी कर दी और उन्हें रोक दिया. जिसके बाद शिवरतन शर्मा और नारायणपुर कलेक्टर के बीच जमकर गहमागहमी ओर कहा सुनी वाला माहौल नजर आया. बात विवाद करते यहां पर नजर आए बस्तर आईजी से भी फोन पर काफी लंबा चर्चा हुआ उसके बाद भी भाजपा के जांच टीम को जिले में नहीं जाने दिया गया. इस गहमागहमी के बाद दोबारा बंद कमरों में कुछ देर चली चर्चा के बाद सभी भाजपा के नेता नारायणपुर से वापस चले गए उन्हें जिले के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया.
वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने पूरी तरीके से इसका जिम्मेदार राज्य सरकार को ठहराया है. नारायणपुर एसपी का कहना है कि अभी स्थिति सामान्य है, अब तक कुल 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. और जो पुलिस के साथ मारपीट किए हैं उन्हें भी आईडेंटिफाई की जा रही है जल्दी इनकी गिरफ्तारी भी हो जाएगी.
नारायणपुर कलेक्टर ने बताया कि भाजपा के द्वारा मांग जा रही थी कि निष्पक्ष तरीके से जांच हो और इस पर विश्वास दिलाया गया है कि नारायणपुर के मामले में पूरी तरीके से निष्पक्ष जांच की जाएगी और फिर कार्रवाई होगी जिसके बाद भाजपा नेता नारायणपुर से वापस लौट गए हैं.