
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा उलटफेर करने वाले अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल अब मंत्री बन गए हैं। बुधवार को उन्होंने रायपुर स्थित राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। पहली बार विधायक बने अग्रवाल का मंत्री पद तक पहुंचना उनके समर्थकों के लिए ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
कांग्रेस से शुरू हुई राजनीति, भाजपा में मिली कामयाबी
राजेश अग्रवाल ने अपनी राजनीतिक यात्रा कांग्रेस से शुरू की थी। वे पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी और राजनीतिक शिष्य रहे। हालांकि, 2017 में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और मतभेदों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया।
लखनपुर से पंचायत तक, फिर विधानसभा तक का सफर
– 2002 से 2005 तक अग्रवाल ग्राम पंचायत कुंवरपुर में उपसरपंच रहे।
– 2009 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ 1 वोट से हार गए।
– 2014 में कांग्रेस से चुनाव लड़कर लखनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष बने।
– 2023 में भाजपा ने उन पर भरोसा जताते हुए अंबिकापुर सीट से प्रत्याशी बनाया।
94 वोट से लिखी जीत की नई कहानी
अम्बिकापुर सीट पर वर्षों से कांग्रेस का दबदबा रहा है और यहां टीएस सिंहदेव का प्रभाव माना जाता था। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में समीकरण बदले और भाजपा उम्मीदवार अग्रवाल ने सिंहदेव को महज 94 मतों से शिकस्त दी।
– राजेश अग्रवाल : 90,780 वोट
– टीएस सिंहदेव : 90,686 वोट
शिक्षा और सामाजिक जीवन
राजेश अग्रवाल ने लखनपुर हायर सेकेंडरी स्कूल से (मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल) से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े और साथ ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। धीरे-धीरे उनकी पहचान राजनीति में मजबूत होती चली गई।
लखनपुर में जश्न का माहौल
अम्बिकापुर से विधायक और अब मंत्री बने राजेश अग्रवाल के लखनपुर स्थित निवास पर जश्न का माहौल है। समर्थकों ने मिठाई बांटकर और आतिशबाजी कर खुशी जताई। उनके निवास पर लगातार समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है।