रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सितंबर 2020 में घटकर 2 प्रतिशत रह गयी है, जो राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेरोजगारी की दर 6.8 प्रतिशत से काफी कम है। देश में शहरी क्षेत्रों में यह दर 7.9 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.3 प्रतिशत रही। सेन्टर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन इकानामी (सीएमआईई) द्वारा 16 अक्टूबर को जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी की दर असम में 1.2 प्रतिशत के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे कम 2 प्रतिशत है। जो देश के बड़े और विकसित राज्यों से काफी कम है।
राजस्थान में बेरोजगारी की दर 15.3 प्रतिशत, दिल्ली में 12.2 प्रतिशत, बिहार में 11.9 प्रतिशत, हरियाणा में 19.1 प्रतिशत, पंजाब में 9.6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 4.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 9.3 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4.2 प्रतिशत, झारखण्ड में 8.2 प्रतिशत, ओडिसा में 2.1 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और फैसलों से छत्तीसगढ़ में उद्योगों सहित कृषि क्षेत्र में गतिविधियां तेजी से संचालित हो रही हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी की दर में कमी दर्ज की जा रही है। इसके पहले छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर जून माह में 14.4 से घटकर जुलाई माह में 9 प्रतिशत के स्तर पर आ गयी थी। राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से कोरोना काल में भी राज्य में लोगों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर रखा गया।
छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से ही औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हो गई थी। वर्तमान में लगभग शत-प्रतिशत उद्योगों में कोरोना से रोकथाम और बचाव के साथ काम शुरू हो गया है। अच्छी बारिश से राज्य में कृषि की गतिविधियों में तेजी आयी है। मनरेगा में अधिक से अधिक रोजगार मूलक कार्यों के संचालन और लघुवनोपज की खरीदी से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े। राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित किसान हितैषी योजनाओं तथा जनकल्याणकारी फैसलों से उत्साहजनक वातावरण बना है। अनलॉक होते ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी, जिसकी वहज से छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन बढ़ा, ऑटोमोबाईल, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में तेजी आयी।