
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान हुए IED ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को दो और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मामला नवंबर 2023 में गरियाबंद जिले के बड़ेगोबरा गांव में हुए विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें ITBP के एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गए थे। विस्फोट उस वक्त हुआ था जब मतदान प्रक्रिया पूरी कर एक दल वापस लौट रहा था। यह हमला प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की ओर से चुनाव बहिष्कार की साजिश का हिस्सा था।
एनआईए ने जिन दो लोगों के खिलाफ ताजा आरोपपत्र दाखिल किया है, उनके नाम हैं। धनेश राम ध्रुव और रामस्वरूप मरकाम। ध्रुव सरकारी प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक था, जबकि मरकाम छोटेगोबरा पंचायत का सरपंच। दोनों पर नक्सलियों को न केवल वित्तीय और रसद मदद देने का आरोप है, बल्कि हमले की पूर्व तैयारी में सक्रिय भूमिका निभाने का भी। जांच में सामने आया है कि ध्रुव ने चुनाव बहिष्कार के पोस्टर और बैनर तैयार करने में मदद की, वहीं मरकाम ने विस्फोटक सामग्री जैसे तार, स्विच और पटाखे जुटाए।
इससे पहले दिसंबर 2024 में इस केस में 10 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है। इस तरह अब तक कुल 12 आरोपियों पर आरोप तय हो चुके हैं। जांच में पता चला है कि इस हमले की साजिश भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके और मनोज ने रची थी, जबकि विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य सत्यम गावड़े ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
एनआईए के मुताबिक, बड़ेगोबरा और छोटेगोबरा गांवों के स्थानीय ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) नक्सलियों के सीधे संपर्क में थे और उन्होंने हमले को अंजाम देने में गोबरा दलम के नक्सलियों की मदद की। फरवरी 2024 में इस केस की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने घटनास्थल, आरोपी की भूमिका और नक्सली नेटवर्क की गहराई से पड़ताल की और यह साबित किया कि शिक्षा और जनप्रतिनिधित्व की आड़ में कैसे कुछ लोग आतंकी साजिशों में लिप्त थे।