
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन का माहौल उस वक्त गरमा गया, जब विधायक धर्मजीत सिंह ने राष्ट्रीय स्तर से जुड़े नक्सल समर्थक नारों के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में नक्सली कमांडर हिड़मा के समर्थन में लगे नारों की कड़ी निंदा करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव लाकर इसकी भर्त्सना करने की मांग की। विधायक ने कहा कि देश और प्रदेश की सुरक्षा को चुनौती देने वाले नक्सलियों के समर्थन में आवाज उठाना बेहद गंभीर विषय है।
धर्मजीत सिंह ने नक्सली कमांडर हिड़मा और बसवराजू की हिंसक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जो लोग नक्सलियों का महिमामंडन कर रहे हैं, उन्हें बस्तर का दौरा कराया जाना चाहिए, ताकि वे वहां आम आदिवासियों, जवानों और ग्रामीणों पर हुए अत्याचारों की हकीकत को नजदीक से देख सकें। उन्होंने कहा कि जमीनी सच्चाई से रूबरू होने के बाद ही ऐसे लोग अपनी सोच पर पुनर्विचार कर पाएंगे।
इसी दौरान विधायक ने सदन में एक और अहम मांग रखते हुए विधायक निधि को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा विधायक निधि में बढ़ोतरी की बात कही गई थी और अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री इस दिशा में एक ठोस और क्रांतिकारी फैसला लें। धर्मजीत सिंह ने तर्क दिया कि बढ़ी हुई विधायक निधि से क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और जनता से जुड़े जरूरी कामों को समय पर पूरा किया जा सकेगा।




