छत्तीसगढ़ प्रदेश में मंगलवार को दिन भर बसों के पहिए थमे रहे। लेकिन, अब बुधवार को लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने अपना महाबंद वापस ले लिया है। अब बुधवार से पहले की ही तरह बसें सभी रूट पर चलाई जाएंगी।
मंगलवार शाम यातायात महासंघ के नेता परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के पास पहुंचे थे। बस ऑपरेटर्स इसी बात पर अड़े थे कि जब तक सरकार किराया बढ़ाने पर मंजूरी नहीं देती बसें नहीं चलाई जाएंगी। इस पर मंत्री अकबर ने महासंघ के पदाधिकारियों से कहा है कि उनके हक में सरकार जल्द ही फैसला लेगी। इसके बाद बस मालिकों बुधवार सुबह से बस सेवा दोबारा शुरू करने का एलान किया।
सरकार से सहमति के बाद अब बस संचालक किराया बढ़ाएंगे। जाहिर है बोझ आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। किराया कितना बढ़ेगा ये फिलहाल तय नहीं है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक हर रूट में 20 से 30 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है। इसे लेकर परिवहन विभाग के साथ एक और बैठक बस मालिक कर सकते हैं।
अपने आंदोलन को लेकर यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने कहा कि 2018 में 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला डीजल अब 2021 में लगभग 97 रुपए प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है। छत्तीसगढ़ में यात्री किराया नहीं बढ़ने की वजह से बस संचालकों को नुकसान हो रहा है। बीते दो सालों में लॉकडाउन और कोरोना के असर की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी है। पड़ोसी राज्य जैसे मध्यप्रदेश में सरकार ने यात्री किराया बढ़ाने पर मंजूरी दी, जिससे वहां के बस ऑपरेटरों को थोड़ी ही सही राहत मिली है।