नव वर्ष की पूर्व संध्या पर हुई थी बैल की जघन्य हत्या
अम्बिकापुर
उदयपुर विकासखण्ड के अंतर्गत पुरातात्विक धरोहर महेशपुर शिवमंदिर के समीप रमसागर पतरा जंगल में अज्ञात लोगों द्वारा बैल को मारकर जंगल में ही मांस बनाकर ले जाने के मामले का खुलासा करते हुये नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। घटना के संबंध में खुलासा करते हुये थाना प्रभारी भोज कुमार गुप्ता ने बताया कि दो जनवरी को महेशपुर निवासी गोपाल यादव द्वारा अपने बैल के हत्या किये जाने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी गयी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्यवाही करते हुये धारा 429, छ.ग. कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4,5 एवं 10 एवं के तहत अज्ञात लोगों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर महेशपुर एवं आसपास के इलाकों में छानबीन शुरू कर दी। महेशपुर के खुटेनपारा निवासी बाली को संदेह के आधार पर पुछताछ शुरू किया। फिर एक-एक कर सारे गौ हत्या के मामले में संलिप्त सारे आरोपियों का नाम सामने आया।
पुलिस की पुछताछ में सारे आरोपियों ने अपना गुनाह कबुल कर लिया। गौ हत्या में प्रयुक्त हथियार टांगी, तब्बल, छुरी, गड़ासा, परसुल और मारे गये बैल की खाल जिसे आरोपियों ने जमीन में गाड़ दिया था उसे भी निकलवाकर अपने कब्जे में लिया। कुछ कच्चा मांस और पकाते हुये मांस को भी कब्जे में पुलिस द्वारा बरामद किया गया। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पहले बैल को जंगल में बांधकर कर रखा था फिर सभी महेशपुर के रमसागर पतरा जंगल में इकट्ठे हुये और 31 दिसम्बर की रात को जंगल में ही उसे काटकर मांस बनाया और सभी आपस में मांस का बंटवारा कर अपने अपने घर चले गये। आरोपियों ने जंगल में बैल का एक पैर और मांस काटने में प्रयुक्त लकड़ी आदि वहीं छोड़कर चले गये थे जो पुलिस के लिए सुराग का आधार बना।
मामले में खुटेनपारा के अलावा तिरकेला, पोटेखार ग्राम के ईश्वर, टिभन, टुना, कामेश्वर, आनंद तिग्गा, कुंवर साय, ठुईया, सुकुल शामिल है। पुलिस की इस कार्यवाही में थाना प्रभारी भोज कुमार गुप्ता के अलावा प्रधान आरक्षक धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, इन्द्रदेव भगत, आरक्षक सतीश, संजीव चैबे, हेमंत लकड़ा, मनोज यादव, लाल भुवन, मदन गोपाल परिहार, प्रदीप, सुरेश यादव, रविन्द्र साहू, लालमन सिंह, राजकुमार आदि शामिल रहे। पुलिस ने जिस तत्परता से मामले का खुलासा किया है इससे क्षेत्र में पुलिस के प्रति विश्वास और बढ़ा है।