
अम्बिकापुर/अनिल उपाध्याय। जमीन विवाद को लेकर हुए एक सनसनीखेज जानलेवा हमले के मामले में पीड़ित दंपती ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। घायल अवस्था से उबर रहे पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने मामले में केवल औपचारिक कार्रवाई कर अन्य आरोपियों को खुला छोड़ दिया है। इसी को लेकर पीड़ितों ने आईजी और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच और सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मामला ग्राम सुर पकरीखार का है, जहां बीते दिनों जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। पड़ोसियों ने पति-पत्नी पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में पति रविकांत लकड़ा को मामूली चोटें आईं, जबकि पत्नी अनिता लकड़ा के सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी हालत नाजुक हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने दो नामजद आरोपियों सहित अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351(2), 115(2) एवं 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया था। इसके बाद शिवनाथ लकड़ा और धना लकड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। हालांकि पीड़ितों का कहना है कि हमले में केवल यही दो लोग नहीं, बल्कि अजित लकड़ा, कविता लकड़ा, बैजनाथ लकड़ा, मानकुवारी लकड़ा और उनका दामाद सुरेश भी शामिल थे, लेकिन पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किया।
पीड़ितों का आरोप है कि उन्होंने कई बार शेष आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन जांच अधिकारी न सिर्फ टालमटोल करते रहे बल्कि उल्टा उन्हें ही दोषी ठहराने का प्रयास किया गया। जांच की दिशा और रवैये से आहत दंपती आखिरकार अपनी फरियाद लेकर आईजी और एसपी के पास पहुंचे, जहां उन्होंने लिखित शिकायत सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि जानलेवा हमले के बाद वे मानसिक रूप से बेहद भयभीत हैं, जबकि कथित आरोपी बेखौफ होकर गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। यदि समय रहते सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो उनका हौसला और बढ़ेगा और भविष्य में दोबारा किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।




