छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक ऐसी जगह है। जहां पिकनिक मनाने की आड़ में जंगल में फड़ लगाकर जुआ खेलना परंपरा बन गया है। जुआरियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को सिविल ड्रेस में दबिश देना पड़ता है, क्योंकि कौन जुआ खेलने आया और कौन पिकनिक मनाने इसका पता नहीं चला पाता है। बीते दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। आंवला नवमी के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी जुआरियों का मेला लगा था। जिन्हे रोकने के लिए पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में तैनात रही और अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर 42 जुआरियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 50 हजार के करीब नगद बरामद किया गया है। मामला कोटा थाना इलाके का है।
दरअसल, आंवला नवमी पर हर साल की तरह इस बार भी कोटा क्षेत्र के कोरी डैम के जंगल में सुबह से जुआरियों का जमावड़ा लगा रहा। इस क्षेत्र में अलग-अलग जगह से आकर पिकनिक मनाने की आड़ में जंगल में फड़ लगातार जुआ खेलने की पुरानी परंपरा है। यही वजह है कि पुलिस की सख्ती के बाद भी यहां हर साल बिलासपुर जिले के साथ ही कोरबा, कवर्धा सहित मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से काफी ज्यादा संख्या में जुआरी दांव लगाने पहुंचते है। इस साल भी ऐसा ही हुआ। कोरी डैम के जंगल में अलग-अलग जगहों पर फड़ लगाकर जुआ खेला जा रहा था। जिन्हे पुलिस ने सिविल ड्रेस में दबिश देकर पकड़ा। पुलिस ने अलग-अलग जगहों से कुल 42 जुआरियों को पकड़ा। जिनके कब्जे से 49 हजार 400 रुपए बरामद किया गया है।
एसडीओपी आशीष अरोरा ने बताया कि जुआ एक सामाजिक बुराई है। जिस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगाकर सक्रिय होकर कार्रवाई कर रही है। कोरी डैम में आंवला नवमी पर जुआरियों को रोकने के लिए पुलिस तैनात रही। उन्होंने कहा कि पुलिस की सख्ती की वजह से अब वहां जुआरियों की संख्या कम हो गई है। फिर भी कुछ लोग जुआ खेलने पहुंचते है। थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा ने कहा कि आंवला नवमी पर कोरी डैम में जुआरियों का फड़ लगता है। जिसे रोकने के लिए सुबह से पुलिस टीम को सिविल ड्रेस में तैनात किया गया था। फिर भी कई जुआरी जंगल के भीतर फड़ जमाए बैठे थे, जिनको घेराबंदी कर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने अलग-अलग 6 फड़ में दबिश देकर 42 जुआरियों को पकड़ा है।