बिलासपुर...राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा ने पार्टी में खलबली मचा दी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष नोबेल वर्मा ने कहा कि, अगर पार्टी में शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल नहीं तो नोबेल वर्मा सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी भी पार्टी के साथ नही रहेंगे। शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शरद पवार के इस्तीफे से नाराज होकर उन्होंने भी छत्तीसगढ़ की प्रदेश इकाई के तमाम विंग के सभी पदाधिकारियों के साथ अपने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। प्रारंभिक मेंबर जरूर बने रहेंगे। इस बीच खबर आई की शुक्रवार की सुबह एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी तय करेगी कि शरद पवार का इस्तीफा मंजूर किया जाए या ना किया जाए, इसलिए नोबेल वर्मा ने कहा कि वे अपने इस्तीफों को वापस ले रहे हैं, और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में तन मन धन से जुट गए हैं।
पूर्व विधायक नोबेल ने आगे कहा कि, शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ही पार्टी की रीढ़ हैं और उनके बगैर पार्टी की पहचान नहीं है। जिसके कारण अधिकांश कार्यकर्ता पदाधिकारी पार्टी से बाहर हो जाएंगे। शरद पवार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश में एक मोर्चा तैयार करा रहे हैं। इसलिए भी उनका पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहना जरूरी है। छत्तीसगढ़ की राजनीति पर उन्होंने कहा की 15 साल की भाजपा सरकार की ही तरह कांग्रेस की साढे 4 साल की सरकार का भी हाल भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। उन्होंने दावा किया अगर वर्तमान विधायकों को कांग्रेस पार्टी अगर फिर से टिकट दे देती है तो आधे से ज्यादा विधायक हार जाएंगे। श्री वर्मा ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि, आगामी दिनों में एनसीपी का भी विधायक मुख्यमंत्री बन सकता है। उन्होंने इस बात को झारखंड से जोड़ा हैं।
बिलासपुर जिले के संभावित प्रत्याशियों के साथ पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह कहा कि कांग्रेस के साथ चुनावी समझौता होगा या नहीं अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन उन्होंने नाराजगी कांग्रेस पर जमकर निकाली। उन्होंने स्पष्ट किया कि, जो परफॉर्मेंस कांग्रेस का अभी दिखाई दे रहा है वह इन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने एक ऑडियो भी सुनाया जिसमें एक कांग्रेसी विधायक द्वारा पार्टी के कार्यकर्ताओं, क्षेत्र के नागरिकों के पीछे अनाप-शनाप खर्चा करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि, साल के वेतन से 4 गुना ज्यादा खर्चा किया जाना जमकर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।