जांजगीर चाम्पा(संजय यादव)…जिले के अकलतरा विधानसभा में दो कांग्रेस पदाधिकारी के बीच हुआ विवाद, अब शांत होने का नाम नहीं ले रहा हैं। अब यह विवाद चुनाव के अंत में ही समाप्त होगा। जिस तरह कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच 17 अगस्त की शाम अकलतरा विधानसभा के पूर्व विधायक एवं जिला अध्यक्ष के बीच विवाद की स्थिति बनी उससे यह स्पष्ट हो गया है कि, यह विवाद अब थमने वाला नहीं हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ उनके कार्यकर्ता भी अब यह ठान लिए हैं कि, आने वाले समय में जरूर इसका हिसाब लिया जाएगा। पार्टी के संगठनात्मक मजबूती की बात करें तो अकलतरा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी अब आपसी विवादों में फंस गई हैं। जिसका फायदा चुनाव में बीजेपी उठाएगी। दोनों नेताओं के बीच का विवाद अब प्रदेश संगठन तक पहुँच गया हैं। हालांकि, बड़े नेता इस विवाद को अब यही समाप्त कर आपस मे भाईचारे के साथ चुनाव की तैयारी करने समझाईस दे रहे हैं। दोनो पक्षो को समझाया जा रहा हैं। लेकिन, दोनो पक्षों में सकारात्मक पहल होते नहीं दिख रहा हैं।
जाजगीर के सर्किट हाउस में जिस तरह अकलतरा विधानसभा के दो कांग्रेस पदाधिकारियों के बीच विवाद हुआ, उससे कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं तक जो मैसेज गया हैं। वह अकलतरा विधानसभा के लिए नुकसानदायक तो हैं ही। साथ ही वहां के पदाधिकारियों के लिए भी अच्छे संकेत नहीं हैं। आने वाले समय में जरूर इसका परिणाम सामने आएगा। हालांकि, अभी चुनाव नजदीक हैं। जिसके कारण पार्टी इस विवाद को हवा नहीं देना चाहती। जितना हो सके जल्द से जल्द विवाद को यही सुलझाना चाह रही हैं।
17 अगस्त की शाम जांजगीर के सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत एवं मंत्री जयसिंह अग्रवाल के मौजूदगी में जिस स्तर में कांग्रेसीयो के बीच विवाद हुआ। उससे तो यह पता चल गया कि, कांग्रेसी अपने वर्चस्व की लड़ाई के लिए किस स्तर तक जा सकते हैं। एक दूसरे के ऊपर छींटाकसी, आरोप प्रत्यारोप, गाली गलौज, झूमा झपटी सारा चीज देखने को मिला। वही आने वाले समय में देख लेने की भी धमकी सुनने को मिली वही एक दूसरे के ऊपर पार्टी के खिलाफ काम करने के भी आरोप लगे। अब विधानसभा चुनाव में जिस नेता को पार्टी टिकट देगी विरोधी पक्ष उनके खिलाफ काम करेंगे, और चुनाव में उस नेता के पराजित करने सभी हथकंडे अपनाए जाएंगे।
बड़े नेताओं के बीच 17 अगस्त को जिस तरह सक्ति प्रदर्शन देखने को मिला उससे तो यही लगता हैं कि, अब आने वाला समय एक दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करेंगे। कांग्रेसी नेताओं के बीच विवाद से अब बीजेपी को बैठे-बिठाए अच्छा मुद्दा मिल गया हैं। आने वाले चुनाव में जरूर इसको भुनाने की कोशिश किया जाएगा। वही एक दूसरे के खिलाफ भी विपक्षी पार्टी जहर घोलने का काम करेगा। जिससे कांग्रेस पार्टी अपने घरेलू विवाद में उलझे रहे और बीजेपी को चुनाव में जीत हासिल हो जाए। आने वाले समय में बीजेपी का यह बड़ा चुनावी मुद्दा होगा।