@संजय यादव
जांजगीर चांपा। सक्ति विधानसभा के विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव आसान नहीं लग रहा है. सक्ति राजमहल से संबंध टूटने के बाद डॉक्टर चरणदास महंत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को मनाने में असफल साबित हो रहे हैं…वही अपनों से अलग हुए मनहरण राठौर भी डॉक्टर चरणदास महंत से खफा चल रहे हैं. इन दोनों नामो का वजन इस क्षेत्र काफी प्रभावदार है. राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के पास आदिवासियों का अच्छा वोट बैंक है,तो वही मनहरण राठौर के पास राठौर समाज के आलावा उनके समर्थकों की फौज हैं.जिसके चलते डॉक्टर चरण दास महंत का सक्ति विधानसभा से चुनाव लड़ने पर कशमकश जारी है.
2018 का विधानसभा चुनाव की बात करें तो किसी तरह डॉक्टर चरण दास महंत के सामने भारतीय जनता पार्टी ने डमी कैंडिडेट देकर डॉ.महंत के लिए चुनाव आसान बना दिया था. वही दूसरी ओर राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को मनाने में सफल साबित हुए थे, जिसके चलते जीत में आसानी हुई. लेकिन अब 2023 का विधानसभा चुनाव जीत पाने की राह आसान नहीं लग रहा, क्योंकि सक्ति विधायक के विरोध में पूर्व मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के अलावा उनके करीबी रहे मनहरण राठौर अलग-थलक दिखाई दे रहे हैं.
वही दूसरी ओर बीजेपी भी अपने पूर्व विधायक खिलावन साहू को टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. जो साहू समाज के अलावा ओबीसी वर्ग में अच्छी पकड़ रखते है. जिसके चलते अब डॉक्टर चरण दास महंत के लिए सक्ति विधानसभा का चुनाव चुनौती से कम नहीं होने वाला है. इसलिए अब डॉक्टर महंत भी फूंक- फूंक कर कदम रख रहे हैं. उनके इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कशमकश जारी है. हवा यह भी है कि क्या वे इन वक्त पर अपना क्षेत्र बदल सकते हैं..? इस तरह की हवा भी चल रही है. हालांकि चुनाव में अंतिम समय तक कुछ कहा नहीं जा सकता कि क्या हो सकता है..अब इंतजार कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का नामो का है. कब तक कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर रही है। क्षेत्र में एक माहौल और भी गर्म है…कि क्या डॉक्टर महंत अपनी जगह अपने धर्मपत्नी को सक्ति से विधानसभा से चुनाव लड़ा सकते हैं।