हाईकोर्ट ने PSC की ओर से राज्य वन सेवा भर्ती के सहायक वन संरक्षक व वन क्षेत्रपाल के 211 पदों की भर्ती परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दिया है। साथ ही वन विभाग व सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और राज्य लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद 12 दिसंबर को नियुक्ति के लिए परीक्षाएं होंगी। लेकिन, इसका परिणाम जारी नहीं किया जा सकता। CGPSC ने वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ वन सेवा (संयुक्त) भर्ती परीक्षा नियम 2014 के तहत सहायक वन संरक्षक (ACF) और वन क्षेत्रपाल (रेंजर) के 211 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देते हुए राहुल यादव व अन्य ने वकील मतीन सिद्दिकी, नरेंद्र मेहर व घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि याचिकाकर्ता राहुल यादव एवं अन्य ने भी आवेदनपत्र जमा किया था। याचिकाकर्ता राहुल व अन्य बीएससी वानिकी में स्नातक व एमएससी की डिग्री हासिल की है। लिहाजा, वानिकी विषय के प्रतियोगियों को इन पदों पर प्राथमिकता दी चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने पूर्व में राज्य लोक सेवा आयोग के समक्ष इस संबंध में आवेदनपत्र भी प्रस्तुत किया था। लेकिन, आयोग ने उनके आवेदनपत्र को दरकिनार कर दिया। इससे परेशान होकर उन्हें हाईकोर्ट की शरण में आना पड़ा है।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि छत्तीसगढ़ वन सेवा (संयुक्त) भर्ती परीक्षा नियम 2014 में आयोग ने उनके भर्ती नियम में विसंगति को दूर नहीं किया है। साथ ही लिखित परीक्षा के लिए 12 दिसंबर की तिथि भी तय कर दी है। इसलिए उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही याचिकाकर्ताओं के तथ्य को सुनकर मामले का निराकरण करने का आग्रह किया है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को होने वाले परीक्षा के परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। साथ ही वन विभाग व सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।