रायपुर। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) इंटेलीजेंस महानिदेशालय, छत्तीसगढ़ राज्य ने फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। जहाँ 25 जनवरी को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
विगत तीन माह से भारत सरकार, राजस्व विभाग, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस द्वारा देश भर में चल रहे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के रैकेट पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में (जीएसटी) इंटेलीजेंस, रायपुर द्वारा की जा रही एक जाँच में एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है जिसको अंतर्राज्यीय स्तर पर कई सालों से चलाया जा रहा था।
(जीएसटी) इंटेलीजेंस, रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय के कुशल नेतृत्व एवं अतिरिक्त निदेशक महेंद्र कुमार शर्मा की अगुवाही में एवं उप निदेशक एस.के. दास के निर्देशन में तीन महीनों से चल रही जांच में आज विभाग को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दरअसल विभाग द्वारा एक ऐसे अंतर्राज्यीय फेक बिल के रैकेट का खुलासा हुआ है जिसमें 30 से अधिक फर्जी फर्मों को बनाकर लगभग एक हज़ार करोड़ रूपए से भी ज्यादा की फर्जी बिलिंग कर लगभग रूपए 258 करोड़ का GST फर्जीवाडा कर शासन को कर हानि पहुंचाई है। सूत्रों के अनुसार उक्त फर्जी फर्मों से फर्जी बिल जारी कर उनके आधार पर विभिन्न फर्मों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित कर उनका IGST रिफंड प्राप्त किया गया है।
अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह अब तक का छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा GST फेक ITC फर्जीवाडा सामने आया है। इसकी जांच पिछले तीन माह से अधिकारियों द्वारा की जा रही थी जिसके सुराग जुटाने के लिए कई जगह छापेमार कार्यवाही की गई। ख़ास तौर पर रायपुर से 1000 किलोमीटर दूर ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से भी विभाग द्वारा सबूत इकट्ठे किये गए। पिछले दो महीनों से अधिकारियों द्वारा भेष बदल बदल कर आरोपियों के कई ठिकानों पर सर्वेलेंस किया जा रहा था। इसके साथ दो माह से छुप रहे आरोपियों तक पहुँचने में कई प्रकार के साइबर फॉरेंसिक टूल्स जैसे IP एड्रेस ट्रैकिंग, CDR एनालिसिस, मनी ट्रेल एनालिसिस, CCTV फुटेज इत्यादि की मदद ली गई। गौरतलब है कि आरोपी अपना नाम बदलकर, फर्जी किरायानामा एवं फर्जी पहचान पत्र (PAN कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड) इत्यादि के आधार पर फर्मों का GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर उनको संचालित करते थे।
GST इंटेलिजेंस, रायपुर के अधिकारियों द्वारा दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर रायपुर न्यायलय में पेश किया गया। जहाँ से उसको 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में 8 फरवरी तक जेल भेज दिया गया।
फेक ITC के खिलाफ चल रही मुहीम में विभाग ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और लगभग 150 करोड़ की कर वसूली भी की जा चुकी है।
टैक्स चोरी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। हमें आशा है कि टैक्स कंप्लायंस में जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
अजय कुमार पाण्डेय, अतिरिक्त
“महानिदेशक, GST इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से हम उन आरोपियों को पकड़ने में सफल हो पाए जिनकी तलाश देश भर की तमाम टैक्स एजेंसीज कई सालों से कर रही थीं। हम आगे भी ऐसे ही प्रयास करते रहेंगे।”
महेंद्र कुमार शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, GST इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई