जांजगीर चांपा। जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त एच के सिंह उईके निलंबित हो गए है. जिसको लेकर शहर में बड़ी चर्चा है. नई सरकार बनते ही जिले की यह बड़ी कार्यवाही कहीं जा सकती है. नई सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर अधिकारियों को हिदायत दी गई थी कि किसी प्रकार के कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचार में सलिप्त अधिकारियों को नहीं बक्सा जाएगा. जिसके तहत जिले की आज पहली कार्रवाई की गई है. विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने के बाद कार्यवाही रुकी हुई थी जैसे ही आचार संहिता समाप्त होते ही निलंबन की कार्यवाही की गई है.
बता दें कि जांजगीर चांपा जिला मुख्यालय के आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर एच के सिंह पदस्थ थे. आदिम जाति विभाग में जिला-जांजगीर-चांपा के द्वारा जिले के छात्रावास में लगभग 55 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी यदो संरचना के स्वीकृत सेटअप के नियम विरुद्ध नियुक्ति का वित्तीय अनियमितता किया जाना पाया गया है। उईके का उक्त कृत्य छ.ग. भर्ती को लेकर कलेक्टर से शिकायत हुई थी जिसके बाद उनका वित्तीय पावर भी वापस ले लिया गया था.
वहीं उच्च अधिकारियों तक इसकी शिकायत लिखित में पहुंची थी जिसके बाद उनके ऊपर कार्रवाई हुई है। निलंबन का आदेश 5 दिसंबर को जारी हुआ है. इस तरह नई सरकार बनने के बाद बड़ी और पहली कार्रवाई जिले की है. इस कार्यवाही से जिले के सभी विभाग में अधिकारी एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. नई सरकार बनते ही भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही अब जारी रहेगी। सहायक आयुक्त एच के सिंह उईके के रिटायरमेंट 3 से 4 महीना बाकी था। उसके पहले ही उनके ऊपर निलंबन की गाज गिरी है।