रायपुर. मुख्यमंत्री निवास के सामने एक युवक ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की है. इसमें युवक गंभीर रूप से झुलस आग में झुलस गया. जानकारी के अनुसार यह युवक धमतरी का रहने वाला है. बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा यह युवक दरअसल अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री से मिलने सीएम हाउस पहुंचा था. मुख्यमंत्री से नहीं मिलने पर युवक द्वारा मुख्यमंत्री निवास के सामने ही आत्मघाती कदम उठाया गया.
युवक द्वारा उठाए गए इस कदम के कारण युवा गांव में बुरी तरह झुलस गया जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. छत्तीसगढ़ में यह पहली घटना नहीं है जब मुख्यमंत्री निवास के बाहर बेरोजगारी के कारण किसी युवक ने आग लगाकर खुदकुशी करने का प्रयास किया हो इससे पहले भी वर्ष 2016 में बेरोजगारी के कारण ही एक युवक ने इसी प्रकार की आत्मघाती कोशिश की थी.
प्रदेश में कोरोना संक्रमण से पहले ही बेरोजगारी का आलम चारों तरफ मौजूद था प्रदेश में कई बेरोजगार युवा नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे. मगर कोरोना संक्रमण ने इस बेरोजगारी दर को कई गुना बढ़ा दिया. जिनके पास नौकरियां थी उनमें से अधिकांश की नौकरियां इस कोरोना संक्रमण के कारण जा चुकी है. बेरोजगारी का आलम युवाओं के सर चढ़कर बोल रहा है लोगों के पास जीवन यापन करने तक के लिए पैसे नहीं है ऐसी स्थिति में इस प्रकार की घटना की आशंका कहीं ना कहीं दिखाई दे रही थी.
प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए बड़े-बड़े वादे तो जरूर किए मगर सभी वादे खोखले ही निकले. बात की जाए छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरियों की तो जब से यह नई सरकार गठित हुई है तब से छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा शिवाय शिक्षक भर्ती के किसी भी प्रकार की अन्य भर्तियां नहीं देखने को मिली है. जबकि आंकड़ों के मुताबिक नई सरकार बनने से पहले छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा हर वर्ष नई भर्तियां देखने को मिलती थी. सरकार द्वारा भर्तियों के नाम पर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभिन्न जिलों में संविदा नियुक्ति तो जरूर की है मगर बात की जाए नियमित भर्तियों की जिसके लिए लाखों युवा हर वर्ष जी जान लगाकर मेहनत कर रहे हैं उन भर्तियों के आने की भविष्य में भी किसी भी प्रकार की संभावना नहीं दिख रही है.
प्रदेश में बेरोजगारी से जूझ रहे ऐसे लाखों युवा है जो इस वक्त बुरी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं कई युवाओं की सरकारी सेवाओं के लिए निर्धारित उम्र निकल रही है. ऐसे में बेरोजगारी युवाओं के लिए तनाव का मुख्य कारण बन चुकी है. प्रदेश सरकार जहां युवाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते नहीं थकती पर क्या वास्तव में यह सरकार बेरोजगारी की समस्या को लेकर गंभीर है. फिलहाल अगले कुछ वर्षों तक सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण वित्तीय संकट के कारण आर्थिक तंगी से नई भर्तियों में विलंब का बहाना देखने को मिल सकता है.