अम्बिकापुर। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस कार्यालय सरगुजा रियासत की दहलीज से बाहर निकलने वाला है। जिसको लेकर कांग्रेस का वो कुनबा काफी खुश है जो पैलेस कैंपस मे स्थित कांग्रेस कार्यालय को लेकर लंबे अर्से से नाराज था। फिलहाल संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर मे अब नया कांग्रेस कार्यालय बनने जा रहा है। जिसको लेकर काम मे तेजी भी आ गई है। गौरतलब है कि 18 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने ये प्रयास किया था, लेकिन अपने प्रयास मे वो सफल नहीं हो पाए थे।
सरगुजा जिले मे आजादी के बाद से ही कांग्रेस कार्यालय सरगुजा पैलेस कैंपस मे संचालित हुआ करता था। इसी दौरान 2002 मे कांग्रेस के ही तात्कालिक मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद जोगी ने जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के केदारपुर इलाके मे कांग्रेस कार्यलय बनाने की शुरुआत की थी, लेकिन नींव रखने के बाद बदले राजनैतिक समीकरण के कारण कांग्रेस कार्यालय को सरगुजा पैलेस से बाहर निकालने का अजीत जोगी का सपना, सपना ही रह गया। लेकिन उसके बाद अब एक बार फिर प्रदेश की सत्ता मे आई कांग्रेस प्रदेश आलाकमान ने हर जिले मे नए कार्यालय बनाने के निर्देश दिए। जिसकी वजह से एक बार फिर उसी स्थान मे कांग्रेस कार्यालय बनाने की कवायद तेज हो गई है।
सरकार गिरने के बाद जिनको जिम्मेदारी मिली थी। उनलोगों ने सक्रियता से भाग नहीं लिया और शासन बदलने के बाद में फ़िर प्राथमिकता भी नहीं मिल पायी। तो जमीन पड़ी रह गयी। अभी शासन ने उसको दोबारा अलॉट किया है और प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नक्शा भी मंगाया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी से नक्शा अप्रूव कराकर काम फ़िर चालू किया जाएगा। लोग बड़ी मात्रा में आगे आ रहे है। सहयोग राशि भी उपलब्ध करा रहे हैं और कांग्रेस के साथियों के सहयोग राशि से एक अच्छा उपयोगी भव्य भवन कांग्रेस का बनेगा। स्वाभाविक रूप से प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिला कांग्रेस कमेटी को जिम्मेदारी देती है और पहले कमेटी बना दी गयी थी। अमूमन प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी इनको देखते हैं।
टीएस सिंहदेव, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
दूसरी तरफ पैलेस के अंदर संचालित कांग्रेस कार्यालय को लेकर विपक्षी दल के नेता भी अब कटाक्ष करने लगे हैं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भारत सिंह के मुताबिक लोकतंत्रातिक व्यवस्था मे किसी के घर से नहीं बल्कि कार्यालय से ही राजनैतिक गतिविधियां संचालित होनी चाहिए। ऐसे मे वर्षो से पैलेस मे कैद कांग्रेस कार्यालय को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाहर निकालने का काम किया है। वो कांग्रेस के उस धडे के लिए खुशी की बात है जो वर्षो से पैलेस के भीतर संचालित कांग्रेस कार्यालय का विरोध करते आए हैं।
छत्तीसगढ की राजनीति मे सरगुजा का बहुत अहम स्थान रहा है, लेकिन पूर्व औऱ दिवंगत मुख्यमंत्री अजीत जोगी जब कांग्रेस मे थे। तो सरगुजा पैलेस औऱ जोगी का अलग अलग कांग्रेसी गुट राजनीति मे सक्रिय था औऱ यही वजह थी कि खुद मुख्यमंत्री रहते हुए अजीत जोगी ने कांग्रेस कार्यालय को पैलेस से बाहर बनवाने का काम शुरु किया था, लेकिन वो सफल नहीं हुए। लिहाजा ये एक बार फिर कांग्रेस के प्रदेश आलाकमान के निर्देश पर नए कार्यालय का निर्माण, कही ना कही अजीत जोगी के अधूरे सपने को पूरा करने जैसा ही लग रहा है।