अम्बिकापुर – सरगुजा संभाग के कमिश्नर टी.सी. महावर ने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी शिवधर ओझा को कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने तथा शासकीय नियमों एवं प्रावधान के विपरीत कार्य करने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में ओझा का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सूरजपुर नियत किया गया है। श्री ओझा को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि बलबीर यादव द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रतापपुर को यह शिकायत की गई थी कि शिवधार ओझा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रातापपुर द्वारा पैसों की लालच में शिक्षाकर्मियों को उनकी मूल पदस्थापना स्थल से अन्य शालाओं में संलग्नीकरण किया गया है। शिकायत कर्ता द्वारा प्रस्तुत पत्र में मूलपदस्थ शाला से अनयंत्र संलग्न किये गये शिक्षाकर्मियों की सूची भी प्रस्तुत की गई थी। इसी तरह निखिल त्रिपाठी द्वारा यह शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया था कि उनके पिता स्व शेषमणि त्रिपाठी तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रतापपुर के स्वत्वों एवं आवेदक की अनुकम्पा नियुक्ति हेतु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रतापपुर द्वारा 80 हजार रूपये रिश्वत के तौर पर ली गई है। कलेक्टर सूरजपुर द्वारा उपरोक्त शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रतापपुर से कराई गई। जांच में यह प्रतिवेदित किया गया है कि शिवधर ओझा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रतापपुर के द्वारा मनमाने तौर पर शिक्षक पंचायत संवर्ग की पदस्थापना एवं संलग्नीकरण किये जाने तथा श्री ओझा द्वारा निखिल त्रिपाठी के अनुकम्पा नियुक्ति संबंधित दस्तावेज को अपने घर में रखना एवं कार्य को आगे न बढ़ाना तथा अनुचित तरीके से पैसे की मांग करना और शासकीय कार्य में लापरवाही और पदीय कार्यों के प्रतिकूल है। श्री ओझा को कार्यो के प्रति अत्यन्त ही लापरवाही तथा शासकीय नियमों एवं प्रावधानों के विपरित कार्य के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।