रायपुर.. छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को ताक पर रखकर अवैध नियुक्ति का मामला सामने आया है.. दरअसल खाद्य पदार्थों में मिलावट पर नकेल कसने प्रदेश के 27 जिलों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन में विभाग के द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.. जो एक निश्चित समय-सीमा तक के लिए थी.. इसके बाद नई नियुक्ति अथवा विभागीय पदोन्नति के माध्यम से कार्य का संचालन किया जाना था..लेकिन छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने पूर्व में नियुक्त द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की अवधि समाप्त होने पर, फ़िर से उन्हें अतिरिक्त प्रभार दे दिया..जिसकी अवधि 4 अगस्त 2019 को समाप्त हो गई थी..
बता दे कि इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता अनुराग सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन से की है..और प्रदेश के 27 जिलों में अधिकारियों की नियुक्ति की जांच कर मामले में करने की मांग की है..इसके साथ ही मामले में नियुक्तिकर्ता अधिकारी सहित सरकार के मातहतों के ख़िलाफ़ अधिनियम के तहत वैधानिक कार्रवाई की मांग की है।
पत्र–
छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन में अभिहित अधिकारी के रूप में विभाग के द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था..जिसकी अवधि 4 अगस्त 2019 को समाप्त हो गई थी..खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 की धारा 91 के अंतर्गत उक्त पदों पर नियंत्रण एवं नियमों का पालन संशोधन सुनिश्चित कराने उक्त विहित शक्तियों का प्रयोग करते हुये भारत सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी 2017 को तथा 13 दिसम्बर 2017 को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर यह निर्धारित किया गया ..कि उक्त पद को अतिरिक्त प्रभार पर कौन से अधिकारी एवं कितने समयों तक संचालित कर सकतें हैं..और जिसकी अंतिम तिथी 4 अगस्त 2019 निर्धारित की गई थी.. साथ ही साथ यह भी निर्धारित की गई थी की उक्त पद पूर्ण कालिक नवीन नियुक्ति अथवा विभागीय पदोन्नती के माध्यम से ही कार्य संचालन किया जा सकता है..
मिलावट खोरी पर कार्यवाही हो रही प्रभावित..
लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में आयुक्त खाद्य सुरक्षा ने आदेश क्रमांक 127/2016 को उपर्युक्त दोनो अधिसूचनाओं को ध्यान में रखते हुये प्रदेश के 27 जिलों में द्वितीय श्रेणी के सहायक औषधि नियंत्रक कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार देने संबंधित आदेश प्रसारित कर दिया.. जो कि आज दिनांक तक प्रभावशील है..जिससे छत्तीसगढ़ में खाद्य सामाग्रियों की जांच एवं मिलावटखोरों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पा रही है..उपर्युक्त दोनो अधिसूचनाओं को ध्यान में न रखते हुये अवैध नियुक्ति के आधार पर मिलावट खोरो को कानूनी लाभ प्राप्त हो जाता है..इसके चलते महामारी के इस कालखण्ड में जनता के स्वास्थ्य एवं मानक अनुरूप खाद्य पदार्थो की पूर्ति नहीं हो पा रही है.. उक्त अभिहीत अधिकारियों की अवैध नियुक्ति जो अब 14 माह से भी ज्यादा हो चुकी है, के कारण व्यापक भ्रष्टाचार किया जा रहा है..
वही भाजपा नेता अनुराग सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है.. कि उक्त पुरे मामले में हो रही भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करते हुये समस्त 27 जिलों के अभिहीत अधिकारियों की नियुक्ति की जाँच करते हुये..तत्काल इनको कार्य करने से रोक कर उक्त समयावधि की वेतन की राशि वसूल कर सरकारी खाते में जमा कराई जाये एवं प्रकरण में नियुक्तिकर्ता अधिकारी सहित सभी सरकार के मातहतों के खिलाफ अधिनियम/वैधानिक कार्यवाही की जाये साथ ही साथ भारत सरकार के उपर्युक्त दोनो राजपत्रों के निर्देशों का पालन कराते हुये नियमानुसार नवीन नियुक्ति प्रदान किये जाने की मांग की है..