बस्तर में ट्रांसजेंडर अब नक्सलियों से लड़ेंगे, 7 जिलों में 2100 फाइटर्स तैनात

जगदलपुर. बस्तर में नक्सलियों के विरूद्ध मोर्चे पर पहली बार ट्रांसजेंडरों को तैनात किया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने बस्तर फाइटर्स के नाम पर नक्सली मोर्चे पर लड़ाकों की नियुक्ति की है। नियमों को शिथिल कर स्थानीय युवाओं को पुलिस में भर्ती के लिए बस्तर फाइटर्स का गठन किया गया है। इसमें 2100 जवानों की भर्ती की गई है, जिसमें नौ ट्रांसजेंडर हैं। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा पूरे हिंदुस्तान में ट्रांसजेंडर को पुलिस में भर्ती करने वाला हमारा छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, बस्तर फाइटर में भी तृतीय लिंग की भर्ती हुई है। तृतीय समुदाय को सम्मान देने का काम, सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार छत्तीसगढ़ सरकार कर रही हैं।

बस्तर फाइटर्स में ट्रांसजेंडर तैनात

नक्सल मोर्चे पर पहली बार ट्रांसजेंडर की तैनात की जा रही है। जवानों को जंगलवार फेयर सहित अन्य ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वह नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अब इन कंपनियों की तैनाती बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित कैंपों में की जा रही है। ट्रांसजेंडरों को भी तैनात किया जा रहा है।

बस्तर रेंज के आइजी पी सुंदरराज ने बताया कि ट्रांसजेंडर का चयन पुरुष और महिला श्रेणी में आवेदन के आधार पर किया गया है। बस्तर फाइटर में बस्तर संभाग में पहली बार तृतीय लिंग के नौ अभ्यर्थी आरक्षक पद में भर्ती होकर पुलिस विभाग में सेवा देंगे।

उन्होंने बताया कि पहले इनकी परीक्षा ली गई, जिसमें पास होने के बाद प्रशिक्षण दिया गया। पहले चरण में बीजापुर में 241 और जगदलपुर में 691 जवानों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जिनकी तैनाती की जा रही है। रायपुर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र माना में भी 300 जवान प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं, जिनका पासिंग आउट परेड 18 अप्रैल को होगा। इसके साथ ही 17 अप्रैल को नारायणपुर, 20 अप्रैल को कोंडागांव, 21 अप्रैल राजनांदगांव और 22 अप्रैल दंतेवाड़ा में बस्तर संभाग के अन्य जिलों के प्रशिक्षणरत बस्तर फाइटर के नव आरक्षकों का दीक्षांत परेड होगा।

बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और कोंडागांव में बस्तर फाइटर आरक्षक के 300-300 पद की स्वीकृति दी गई है। 2100 पदों पर नियुक्ति की गई है। इन जवानों को कानून एवं प्रक्रिया की जानकारी, अनुशासन, मानव अधिकारों की रक्षा, युद्ध कौशल, फील्ड क्राफ्ट, हथियारों का संचालन का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। ये जवान केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, छसबल एवं जिला पुलिस बल के साथ-साथ नक्सल मोर्चे पर मजबूती से लड़ेंगे।