रायपुर. सीआरपीएफ की 75 महिला बटालियन दिल्ली से सफर करते हुए छत्तीसगढ़ पहुंची। इन जाबांज महिलाओं में छत्तीसगढ़ की भी तीन महिलाएं शामिल थी। बस्तर जैसे आदिवासी अंचल इलाके से निकली इन महिलाओं ने 1800 किलोमीटर बुलेट चलाकर इतिहास रचा है, घरवाले इनका बेसब्री से इंतेज़ार कर रहे हैं और महिलाएं भी अपने घरवालों से मिलने बेसब्री से इंतेज़ार कर रही है। इन्होंने अपना CRPF जॉइन करने का सफर और अनुभव साझा किया।
बस्तर जिले के 19 किलोमीटर दूर राजुर गांव से सारा कशयप ने बताया – पहले छुट्टियों में घर जाने को मिलता था, लेकिन विशेष अभियान के तहत अब घर जाने को मिल रहा है, घरवालों से दूर रहकर हम कुछ संदेश दे रहे हैं देश भर में। महिलाएं अपने ऊपर विश्वास करें और घरवालों का सपोर्ट करें तो कुछ भी कर सकती हैं। हमारे बस्तर साइड सुविधाओं की कमी होती है, पर अगर थोड़ा उन पर विश्वास किया जाए सपोर्ट किया जाए तो फिर महिलाएं आगे जा सकती हैं। मेरे घर वालों ने मुझे हर चीज में सपोर्ट किया जितना प्यार लड़कों को मिलता है वही लड़कियों को भी मिलता है।
बिलासपुर के मुंगेली जिले की प्रीति साहू ने कहा – मुझे बहुत प्राउड फील हो रहा है। मैंने रायपुर सीआरपीएफ से जॉइन किया था, आज ही के दिन 22 मार्च को ही ज्वाइन किया था और आज ही मैं यहां पहुँची। मुझे बहुत खुशी हुई। पहले से फौज में जॉइन करने का शौक था मैंने तैयारी की। पापा का पूरा सपोर्ट मिला।
मुंगेली की प्रीति साहू ने बताया कि गांव वाले सीआरपीएफ में जब भर्ती हुए तो हमने भी सोचा की फौज में ज्वाइन करेंगे। उनको देखकर हमने ज्वाइन किया। फौज में आकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। फौज का सफर भिन्न होते हैं उनसे कुछ अलग होता है नियम होते हैं नियमों का पालन करते हुए हम ड्यूटी करते हैं। फौज में रहकर हमें गर्व महसूस कर रहा है। ट्रेनिंग से हमने बहुत कुछ सीखा हर चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हिम्मत अपने आप आ जाती हैं। महिलाओं को संदेश देना चाहूंगी कि ‘खुदी को कर बुलंद इतना कि खुदा भी खुद बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है’
तारा यादव डिप्टी कमांडेंट ने बताया – 9 तारीख को इंडिया गेट से हम चले थे दिल्ली से जब निकले रोजाना साढ़े 3 सौ किलोमीटर हम राइड करते थे। कोई ऐसी चुनौतियां नहीं आई।चुनौतियों का सामना करने के लिए ही हम वहां से निकले थे। आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है उसमें हम अपना 75 बाइक को लेकर निकले हैं। जो अब सफल रहा, सभी का सहयोग रहा, जन समूह का सहयोग देख कर अच्छा लग रहा है। कोई बीच में बाधा नहीं आई है हमारे साथ टेक्निकल टीम भी चल रही थी, फीमेल डॉक्टर भी चल रही थी, सब संभाल लेते थे।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य जब हम निकले थे तो उस दिन womens day था। और आज हम नवरात्रि का पहला दिन है। चैन के साथ चैन जुड़ती गई और हम चलते चले गए। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार बहुत सजग है, उसमें भी हमने योगदान दिया महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमने की यात्रा निकाली। छत्तीसगढ़ में हम पहली बार नहीं आये हैं। इससे पहले भी आ चुके हैं। 90% महिलाएं बस्तर में ड्यूटी कर चुके हैं तो कोई दिक्कत नहीं आएगी।
CRPF के 65वीं बटालियन के कमांडेंट व्ही के सिंह ने बताया – ये टीम जगदलपुर के लिए रवाना होगी जहां पर सीआरपीएफ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। वहां परेड में यह पार्टिसिपेट करेंगे, परेड में सभी महिलाएं मार्च करेंगे और अपने करतब दिखाएंगे मोटरसाइकिल पर। सीआरपीएफ साहस और शौर्य के लिए जाना जाता है। बुलेट राइट से देश का नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा बटालियन हैं। जिसे हम हर जगह से प्रयोग में ला रहे हैं, मैन पावर के साथ वूमेन पावर भी है।